ऑनलाइन विद्यार्थी अपनी आँखों को 30 से 40 मिनट के नियमित अंतराल पर आराम दे
कोरोनावायरस का विद्यार्थिओं और ऑनलाइन शिक्षा पर प्रभाव
- स्क्रीन गतिविधियों को बंद करने के साथ-साथ इंटरैक्टिव वीडियो सत्रों को पाठ्यक्रम में ढालने की आवश्यकता है, जिसके अंतर्गत विद्यार्थी स्क्रीन पर कम समय व्यतीत करे और माता पता भी उनकी गतिविधियों पर नियंत्रण रख सकते हैं।
- अपनी आंखों और स्क्रीन के बीच कम से कम 18 इंच की पर्याप्त दूरी बनाए रखें।
लखनऊ, जुलाई 2020: कोरोनावायरस महामारी के दौरान प्रमुख जीवनशैली में बदलाव हुए हैं। चूंकि बड़ी संख्या में आबादी घर से काम कर रही है, इसी तरह विद्यार्थी भी ऑनलाइन कक्षाओं के नाम पर अधिक से अधिक समय मोबाइल या कंप्यूटर स्क्रीन पर व्यतीत कर रहे हैं। वर्तमान परिदृश्यों पर पुनर्मूल्यांकन करते हुए मिडलैंड हेल्थकेयर एंड रिसर्च सेंटर के विट्रीओ रेटिनल विशेषज्ञ एवं नेत्र सर्जन डॉ शोभित कक्कर ने अपना दृष्टिकोण साझा किया।
डॉ शोभित कक्कर ने अपने विचार साझा करते हुए कहा, “कोविड-19 के चलते दुनिया भर में समाज के लगभग हर क्षेत्र और अधिकांश शैक्षणिक संस्थानों को कुछ समय के लिए बंद कर दिया गया है, विद्यार्थियों के पास ऑनलाइन कक्षाएं और ट्यूटोरियल ही एक मात्र उपाए बचा है। इससे मोबाइल फोन, आईपैड, टैबलेट, लैपटॉप और डेस्कटॉप पर आंखों के लिए स्क्रीन टाइम एक्सपोजर में वृद्धि हुई है। विद्यार्थियों को दिन में 6 से 12 घंटे तक लंबे समय के लिए स्क्रीन के सामने बैठना पड़ता है, जिसके कारण आंखों की समस्याओं से संबंधित शिकायतें होती हैं, जैसे - सूखापन, जलन, खुजली, आंखों में दर्द, सिरदर्द, लालिमा और अत्यधिक पानी आना।
विद्यार्थियों को आँखों के तनाव को कम करने के लिए कुछ संयमपूर्ण कदम का पालन करना चाहिए, जैसे की मोबाइल और आईपैड की जगह डेस्कटॉप या लैपटॉप पर काम करें क्योंकि इनकी स्क्रीन बड़ी होने के कारण आखों पर तनाव कम पड़ता है। अपनी आंखों और स्क्रीन के बीच कम से कम 18 इंच की पर्याप्त दूरी बनाएं। साथ ही आँखों को 30 से 40 मिनट के नियमित अंतराल पर आराम देने की ज़रूरत है, लगभग 5 मिनट तक अपनी आईबॉल्स की हलके हाथों से मसाज करें, उन्हें साफ पानी से धोएं या दूर की वस्तु जैसे पेंटिंग या कैलेंडर पर थोड़ी देर ध्यान केंद्रित करें। आंखों को नमी बनाये रखने के लिए नियमित रूप से आंसू विकल्प वाले आई ड्राप या टियर ड्राप का उपयोग करना उचित है। जो विद्यार्थी चश्मे का उपयोग कर रहे हैं, उन्हें सलाह दी जाती है कि अगर पिछले एक साल में आखों की रौशनी की जांच नहीं कराई हो तो एक बार जाँच जरूर करवा लें। इसके अलावा कम से कम 7 घंटे की अच्छी नींद के साथ विटामिन ए और मिनरल्स जैसे की जिंक, मैंगनीज, कॉपर और सेलेनियम से भरपूर पोषण आहार अपने जीवन शैली में ढालें। ये प्राकृतिक एंटीऑक्सीडेंट आँखों को स्वस्थ रखने में सहायक होते हैं।“
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