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निर्माता कम्पनियां अधिक से अधिक डीलर बनाकर किसानों को गुणवत्तायुक्त कृषि यंत्रों की उपलब्धता सुनिश्चित कराएं -श्री सूर्य प्रताप शाही

निर्माता कम्पनियां अधिक से अधिक डीलर बनाकर किसानों को गुणवत्तायुक्त कृषि यंत्रों की उपलब्धता सुनिश्चित कराएं
-श्री सूर्य प्रताप शाही



  • कृषि मंत्री जी की अध्यक्षता में यंत्र निर्माता कम्पनियों के साथ वेबनार बैठक


लखनऊ दिनांक: 30 जुलाई, 2020


कृषि मंत्री श्री सूर्य प्रताप शाही ने कहा कि प्रदेश में इन-सीटू योजना 05 अगस्त, 2020 से प्रारम्भ की जा रही है तथा 325 कम्पनियों का इम्पैनेलमेन्ट किया जा चुका है एवं बेलर मशीन, स्ट्रा रीपर, स्ट्रा रेक के लिए एवं ऐसी नई कम्पनियाॅं, जिनका इम्पैनेलमेन्ट नहीं हुआ है एवं इम्पैनेलमेन्ट के इच्छुक है वह विभागीय पोर्टल पर दी गयी व्यवस्था के अनुसार इम्पैनेलमेन्ट की प्रक्रिया में हिस्सा ले सकते हैं, इसके लिए प्रक्रिया दिनांक 29.07.2020 से प्रारम्भ की जा रही है तथा यह 10 अगस्त, 2020 तक के लिए रहेगी। उन्होंने कहा कि सभी इम्पैनेल्ड कम्पनियों को विभागीय पोर्टल पर रजिस्टर करना होगा, जिसमें उनकी सारी डिटेल एवं डीलर्स की डिटेल भी अपलोड करनी होगी।


श्री शाही आज कृषि निदेशालय लखनऊ में यंत्र निर्माता कम्पनियों के साथ वेबनार बैठक में अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश में यंत्रीकरण की अपार सम्भावनायें हैं इसके लिए सभी का सहयोग अपेक्षित है तथा निर्माता कम्पनियाॅं अधिक से अधिक संख्या में डीलर बनाकर किसानों के मध्य यंत्रों की उपलब्धता सुनिश्चित करायें, जिससे किसानों को सुगमता व सहजता से यंत्र उपलब्ध हो सके। उन्होंने कहा कि यंत्रों की गुणवत्ता का विशेष का ध्यान रखा जाय। यंत्रों की विशिष्टयाॅं जो पहले से ही निर्धारित है तथा टेस्ट रिपेार्ट में निर्धारित किये गये मानकों के विपरीत यंत्र आपूर्ति न हो। यंत्रों पर यंत्र का सीरियल नम्बर, खुदा हुआ (मदहतंअमक) होना चाहिए, जिससे यंत्रों के सत्यापन के समय कोई कठिनाई न आये। उन्हांेंने कहा कि यह योजना पूरी तरह से पारदर्शी है कृषकों का चयन एवं भुगतान विभागीय पोर्टल के माध्यम से किया जाता है। 05 अगस्त, 2020 से लाभार्थी चयन प्रारम्भ हो जायेगा। जनपदवार व यंत्रवार यंत्रों की सूची 31 जुलाई, 2020 तक उपलब्ध हो जायेगी। अतः यंत्र निर्माताओं को यंत्रवार उत्तर प्रदेश में आवश्यक जानकारी मिल जायेगी, क्योंकि पंजाब, हरियाणा एवं उत्तर प्रदेश में यंत्रों की आवश्यकता पड़ती है अतः कम्पनियाॅं राज्य की आवश्यकतानुसार यंत्रों के निर्माण तत्काल प्रारम्भ कर दें, जिससे स-समय आपूर्ति प्रारम्भ हो सके। भारत सरकार द्वारा आवंटित धनराशि का उपयोग हो सके। भारत सरकार से और अधिक धनराशि प्राप्त करने का प्रयास किया जाय। मा0 मंत्री जी ने कहा कि कम्बाइन हार्वेस्टर के साथ भूसा बनाने की मशीन (एस0एम0एस0) लगाया जाना अनिवार्य है।  कृषि राज्य मंत्री जी ने बैठक में निर्माता कम्पनियों को सम्बोधित करते हुए किसानों की आवश्यकता के अनुरूप समय से यंत्रों की आपूर्ति एवं गुणवत्तायुक्त यंत्र उपलब्ध कराने के निर्देश दिये।


अपर मुख्य सचिव (कृषि) ने भी सम्बोधित करते हुए शासन की प्राथमिकताओं से अवगत कराया गया, उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार के मा0 कृषि मंत्री जी एवं वरिष्ठ अधिकारियों के साथ यंत्र निर्माता कम्पनियों की पहली बार बैठक हो रही है, जिसमें प्रदेश में यंत्रीकरण को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने यंत्रों की गुणवत्ता एवं यंत्रों की सीरियल नं0 को यंत्र पर इन्ग्रेव कराने पर विशेष बल दिया।  इन-सीटू योजना में फार्म मशीनरी बैंक से रू0 5.00 लाख तक के यंत्र क्रय किये जायेंगे तथा इन-सीटू से लिंक्ड एस0एम0ए0एम0 योजना से फार्म मशीनरी बैंक से रू0 5.00 से 15.00 लाख तक के यंत्र हेतु क्रय किये जायेंगे। भारत सरकार की दिशा-निर्देशों के अनुसार फार्म मशीनरी बैंक इस बार को-आपरेटिव सोसाइटी, गन्ना सोसाइटी, एफ0पी0ओ0 पंजीकृत समूह एवं ग्राम पंचायतों को उपलब्ध कराये जायेंगे। विभागीय पोर्टल पर इसके लक्ष्यों का चयन होते ही सूची उपलब्ध हो जायेगी। ऐसी स्थिति में अपने डीलर या यू0पी0 एग्रो के माध्यम से यंत्रों की आपूर्ति सुनिश्चित करें। उन्होंने यह भी कहा कि मा0 उच्चतम न्यायालय एवं मा0 एन0जी0टी0 द्वारा दिये गये निर्देशों के क्रम में प्रदेश में फसल अवशेष जलाने की घटनाओं को रोकना है अतः इन यंत्रों का समय पर आपूर्ति आवश्यक है। उन्होंनें यह भी कहा कि एस0एम0ए0एम0 व अन्य योजनाओं में अभी तक कोई इम्पैनलमेन्ट नहीं किया जा रहा है ऐसी स्थिति में फर्म को यंत्रों की दरों पर नियंत्रण रखना है। ऐसा न हो कि यंत्र उनके निर्माण की लागत से कई गुना पर किसानों को बेचा जा रहा हो।


 कृषि निदेशक, उ0प्र0 ने निर्माता कम्पनियों द्वारा उठाये गये सवालों एवं समस्याओं का समाधान किया तथा उन्होंने यह भी कहा कि उत्तर प्रदेश में परफार्मेंश बैंक गारंटी ने राज्य की तुलना में अत्यंत कम रखी है, जिससे कोविड-19 के अन्तर्गत निर्माता कम्पनियों पर कोई भार न पड़े। यंत्रों की दरों पर कोई बढ़ोत्तरी न की जा सके इस पर अगले वर्ष विचार किया जा सकता है, अन्यथा किसानों पर भी बोझ पड़ेगा। उन्होंने यह भी कहा कि कम्बाइन हार्वेस्टर के एस0एम0एस0 अवश्य लगाया जाय, अन्यथा की स्थिति में सम्बन्धित के विरूद्ध कार्यवाही की जायेगी। वेबनार में सचिव, आॅल इण्डिया इम्पलीमेन्ट्स मैनुफैक्चुअर एसोसिएशन ने भी बैैठक में भाग लिया, उन्होंने सभी फर्मों की तरफ से उत्तर प्रदेश सरकार को इस बैठक में फर्मो की समस्याओं को सुनने एवं सुलझाने के लिए धन्यवाद दिया।  वेबिनार बैठक में पंजाब, हरियाणा, गुजरात एवं उत्तर प्रदेश में स्थित यंत्रों के निर्माताओं तथा अन्य बड़ी यंत्र निर्माता कम्पनियों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। निदेशक राज्य कृषि प्रबन्ध संस्थान, रहमान खेड़ा, लखनऊ, अपर कृषि निदेशक (प्रसार), अपर कृषि निदेशक (दलहन एवं तिलहन) भी उपस्थित थे।


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