मुख्यमंत्री ने वन महोत्सव के अन्तर्गत ‘मिशन वृक्षारोपण-2020’ का शुभारम्भ किया
- मुख्यमंत्री ने हरिशंकरी के वृक्षों का रोपण किया
- मिशन वृक्षारोपण-2020 के तहत एक दिन में 25 करोड़ से अधिक वृक्षारोपण किए जाने का लक्ष्य
- वृक्षारोपण करके ही जीव सृष्टि को संरक्षित किया जा सकता है: मुख्यमंत्री
- जनसहभागिता के माध्यम से ही वृक्षारोपण जैसे वृहद कार्यक्रम को सफल बनाया जा सकता है
- राज्य सरकार प्रदेश का ग्रीन कवर बढ़ाने के लिए संकल्पित
- वृक्षारोपण मिशन के अन्तर्गत औषधीय, फलदार, पर्यावरणीय, छायादार, चारा औद्योगिक व प्रकाष्ठ की दृष्टि से महत्वपूर्ण 201 से अधिक प्रजातियों के पौधों का रोपण
- स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी गाइड लाइन के तहत वृक्षारोपण किया जा रहा है
- प्रधानमंत्री की प्रेरणा से वृक्षारोपण कार्यक्रम को एक नई गति
- जल संरक्षण में वृक्षारोपण का विशेष महत्व
- सहजन की फली का सेवन करने से कुपोषण से बचा जा सकता है
- मुख्यमंत्री ने ‘वनस्पति वैविध्य संरक्षण महाअभियान-2020’ पुस्तक का विमोचन किया
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा है कि अधिक से अधिक वृक्षारोपण करके ही जीव सृष्टि को संरक्षित किया जा सकता है। जनसहभागिता के माध्यम से ही वृक्षारोपण जैसे वृहद कार्यक्रम को सफल बनाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश का ग्रीन कवर बढ़ाने के लिए संकल्पित है।
मुख्यमंत्री जी आज यहां मुख्यमंत्री जी कुकरैल वन में ‘मिशन वृक्षारोपण-2020’ के शुभारम्भ अवसर पर अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। इससे पूर्व, मुख्यमंत्री जी ने हरिशंकरी के वृक्षों का रोपणकर ‘मिशन वृक्षारोपण-2020’ का शुभारम्भ किया। तव्य है कि पीपल, बरगद व पाकड़ के सम्मिलित रोपण को हरिशंकरी कहते हैं। ‘मिशन वृक्षारोपण-2020’ के तहत आज 05 जुलाई, 2020 को एक दिन में 25 करोड़ से अधिक वृक्षारोपण किए जाने का लक्ष्य है। कार्यक्रम के दौरान उन्होंने ‘वनस्पति वैविध्य महाअभियान-2020’ पुस्तक का विमोचन भी किया। मुख्यमंत्री जी ने कहा कि आज की तिथि का विशेष महत्व है। भारत के ज्ञान की परम्परा के प्रतीक भगवान वेदव्यास की आज जन्मतिथि भी है। व्यास पूर्णिमा गुरु पूर्णिमा के रूप में जानी जाती है। मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वृक्षारोपण मिशन के अन्तर्गत व्यापक जनसहभागिता एवं अन्तर्विभागीय समन्वय के माध्यम से प्रदेश में एक दिन में 25 करोड़ से अधिक औषधीय, फलदार, पर्यावरणीय, छायादार, चारा औद्योगिक व प्रकाष्ठ की दृष्टि से महत्वपूर्ण 201 से अधिक प्रजातियों के पौधे रोपे जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी गाइड लाइन के तहत वृक्षारोपण किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वर्तमान में पूरा विश्व वैश्विक महामारी कोविड-19 से जूझ रहा है। उन्होंने कहा कि इम्युनिटी पावर को बढ़ाकर कोरोना वायरस से बचा जा सकता है। उन्होंने भारत के आयुर्वेद का जिक्र करते हुए कहा कि अनेक ऐसी औषधीय वनस्पतियां हैं, जिनका काढ़ा पीने से हम अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ा सकते हैं। मुख्यमंत्री जी ने कहा कि धानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी की प्रेरणा से वृक्षारोपण कार्यक्रम को एक नई गति प्राप्त हुई है। जल संरक्षण में भी वृक्षारोपण का विशेष महत्व है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में प्रधानमंत्री आवास योजना के अन्तर्गत 30 लाख आवास उपलब्ध कराए गए हैं। इन आवासों में सहजन के पौधे को रोपित करने का कार्य किया गया है। उन्होंने सहजन के महत्व को बताते हुए कहा कि इसकी फली का सेवन करने से कुपोषण से बचा जा सकता है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि उत्तर प्रदेश की भूमि दुनिया की सबसे अधिक उपजाऊ भूमि है, यहां सिंचाई के अच्छे स्रोत भी हैं। उन्होंने कहा कि नमामि गंगे योजना के अन्तर्गत गंगा और उसकी सहायक नदियों के किनारे डेढ़ करोड़ पौधे रोपित किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि पिछले तीन वर्षों में क्रमशः 05 करोड़, 11 करोड़ तथा 22 करोड़ वृक्ष लगाए गए हैं। इस वर्ष एक ही दिन में 25 करोड़ वृक्ष लगाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि वृक्षों को जियो टैग भी किया जा रहा है। मुख्यमंत्री जी ने कहा कि ‘मिशन वृक्षारोपण-2020’ पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग सहित 26 राजकीय विभागों तथा विभिन्न सामाजिक संस्थाओं, स्वयं सेवी संगठनों, जनप्रतिनिधियों, विद्यार्थियों, व्यापारियों आदि के योगदान से सम्पन्न किया जा रहा है।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए वन एवं पर्यावरण मंत्री श्री दारा सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री जी के नेतृत्व में वन विभाग नित नए लक्ष्यों को प्राप्त कर रहा है। प्रमुख सचिव वन श्री सुधीर गर्ग ने सभी के प्रति आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर मुख्य सचिव श्री आर0के0 तिवारी, अपर मुख्य सचिव गृह एवं सूचना श्री अवनीश कुमार अवस्थी सहित वन विभाग के अधिकारी भी मौजूद थे।
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