लखनऊ के रीजेंसी सुपरहॉस्पिटल हॉस्पिटल ने 21 साल के लड़के को एक्टोपिक पेल्विक किडनी में पथरी को निकालकर सफलतापूर्वक इलाज कर बचायी जान
लखनऊ के रीजेंसी सुपरहॉस्पिटल हॉस्पिटल ने 21 साल के लड़के को एक्टोपिक पेल्विक किडनी में पथरी को निकालकर सफलतापूर्वक इलाज कर बचायी जान
- मरीज के दाहिने पेल्विक किडनी में 2 सेंटीमीटर का स्टोन यपथरी था। इसके साथ उसके पेट के निचले हिस्से में और पीठ के निचले हिस्से में दर्द की शिकायत की।
- डॉक्टरों ने पूरी क्लीयरेंस और बिना किसी कॉम्प्लीकेशंस के साथ सुपाइन परक्यूटेनियस नेफ्रोलिथोटॉमी (पीसीएनएल) प्रोसीजर को परफॉर्म किया।
लखनऊ - 20 जुलाई 2020, रीजेंसी सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल, लखनऊ में डॉक्टरों की एक टीम ने सुपाइन परक्यूटेनियस नेफ्रोलिथोटॉमी (पीसीएनएल) प्रोसीजर को परफॉर्म करके 21 साल के एक मरीज को पथरी से फ्री किया। इस मरीज को राइट पेल्विक एक्टोपिक किडनी में पथरी थी। एक्टोपिक पेल्विक किडनी बहुत ही दुर्लभ तरह की बीमारी होती है यह 3000 लोगों में से 1 व्यक्ति में होती है। एक्टोपिक पेल्विक किडनी की पथरी होना बहुत ही ज्यादा फिज़िकली कॉम्प्लिकेटेड होती है और इसका इलाज करने के लिए हाई एक्सपर्ट सर्जरी टीम की जरूरत होती है।
मरीज का नाम अब्दुल मन्नान अली (21 वर्ष) था। अब्दुल को रीजेंसी सुपरस्पेशलिटी में हॉस्पिटल, लखनऊ में लाया गया था। उसको एक महीने से पेट के निचले हिस्से में दर्द था और 5 दिन से पीठ के निचले में दर्द था। जांच करने पर पता चला कि उसमे एक्टोपिक पेल्विक किडनी जैसी दुर्लभ कंडीशन थी और उसमे किडनी नेफ्रोसिस के साथ दाहिनी किडनी में 2 सेमी की पथरी थी। मरीज इससे पिछले एक साल से पीड़ित था और वह कई हॉस्पिटल में दवाई करा चुका था लेकिन बहुत ही कॉम्प्लिकेटेड सर्जरी होने के कारण कोई भी उसका इलाज न कर पाया था।
इस केस पर बात करते हुए रीजेंसी सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल के डॉ सिद्धार्थ सिंह और डॉ राजीव कुमार, एमसीएच, यूरोलॉजी और रीनल ट्रांसप्लांट ने कहा, “यह केस मरीज में अलग - अलग एनाटोमिकल किडनी की लोकेशन होने के कारण कॉम्प्लिकेटेड था और किडनी के एंटीरियर में आँतें और पीछे की रीढ़ की हड्डी के कारण सर्जरी के लिए अप्रोच मुश्किल था इसलिए स्टैण्डर्ड पीसीएनएल पॉसिबल नहीं था। मरीज एक साल से इस कंडीशन से गुजर रहा था उसे दर्द से राहत देने के लिए और रीनल डैमेज को रोकने के लिए तत्काल ध्यान और किडनी की पथरी को हटाने की जरूरत थी। हमने अल्ट्रासाउंड गाइडेड सुपाइन परफॉर्म किया। यह टेक्निक किडनी की एबनॉर्मल कंडीशन के कारण काफी मुश्किल थी। हमने इस टेक्निक को बिना किसी कॉम्प्लिकेशन के स्मूथली परफॉर्म किया। इस एंडोस्कोपिक सर्जरी ने दर्द को कम किया हैए हॉस्पिटल में रहने और रिकवरी करने मदद की “।
अल्ट्रासाउंड गाइडेड पीसीएनएल के केस की औसत कुल कॉस्ट फ्लोरोस्कोपी - गाइडेड पीसीएन से लगभग 30% से कम थी। प्रोसीजर से न केवल मरीज को दर्द से राहत मिली बल्कि सर्जरी के तुरंत बाद उसे नार्मल लाइफ में वापिस लाया गया। इस तरह की सर्जरी कोरोनावायरस महामारी के दौरान आइडल होती है क्योंकि यह स्पाइनल एनेस्थेसिया में किया गया था इसलिए मेडिकल टीम को इन्फेक्शन होने की संभावना बहुत कम थी। यह प्रोसीजर आपके हॉस्पिटल में रहने के टाइम को कम करता है क्योंकि इस जगह कोरोनोवायरस और हॉस्पिटल एक्वायर्ड इन्फेक्शन (एचएआईद) से इन्फेक्ट होने का खतरा होता है।
डाक्टर ने आगे कहा, “ अभिसुख श्रीवास्तव और डॉ आनंद त्रिपाठी जैसे बेहतरीन एनिस्थिया की टीम होने के कारण हमारा काम सफल हो पाया। इस तरह के केस आमतौर पर मेट्रोपॉलिटिन शहरों में ट्रीट किये जाते हैंए जहां मेडिकल सर्विस एडवांस होती हैं। चूंकि हमारे पास जरूरी हाई.एन्ड इक्विपमेंट और इस रोग के लिए एक्सपर्ट डॉक्टर थेए इसलिए हमने इस सर्जरी को सफलतापूर्वक आसानी से किया। हम ऐसे कई कॉम्प्लेक्स किडनी प्रोसीजर को नियमित रूप से हैंडल कर रहे हैं। हम लखनऊ में सुपाइन परक्यूटेनियस नेफ्रोलिथोटॉमी (पीसीएनएल) प्रोसीजर को परफॉर्म करने के मायने में बेस्ट होने पर खुश हैं।“
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