खेलों को बढ़ावा देने के लिए लागू होगी ‘‘उत्तर प्रदेश खेल विकास एवं प्रोत्साहन समिति नियमावली-2020’’
- खेलों में गांव से लेकर प्रदेश स्तर तक खिलाड़ियों को मिलेंगी सुविधाएं
लखनऊः 25 जुलाई, 2020 I उत्तर प्रदेश में खिलाड़ियों को योजनाओं का पारदर्शी ढंग से अधि से अधिक लाभ देने एवं गांव स्तर से लेकर प्रदेश स्तर तक युवा खिलाड़ियों का चिन्हांकन कर खेल प्रतिभागिता में वृद्धि, कौशल में उत्कृष्टता लाने व स्थानीय एवं परम्परागत खेलों को बढ़ावा देने के लिए जिला खेल प्रोत्साहन समिति नियमावली-1984 को संशोधित करते हुए ‘उत्तर प्रदेश खेल विकास एवं प्रोत्साहन समिति नियमावली-2020’ बनाई जा रही है। यह समिति चार स्तरीय तौर पर कार्य करेगी। इसके तहत तहसील, जिला, मण्डल एवं राज्य स्तरीय खेल विकास एवं प्रोत्साहन समितियों का गठन किया जायेगा।
यह जानकारी प्रमुख सचिव खेल सुश्री कल्पना अवस्थी ने आज यहां दी। उन्होंने बताया कि जिला खेलकूद प्रोत्साहन समिति नियमावली वर्ष 1984 में बनी थी, जो लगभग 36 साल पुरानी हो चुकी है। नवीन खेलों के प्रति खिलाड़ियों की बढ़ती रूचि, प्रतिस्पर्धा और ओलम्पिक के लिए उत्कृष्ट खिलाड़ियों की खोज के दृष्टिगत इस नीति में संशोधन किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि गांव से लेकर शहर तक युवा वर्ग के पास योग्यता का प्रचुर मात्रा में भण्डार है। समिति के पुर्नगठन होने से खिलाड़ियों का सुसंगत एवं व्यवस्थित ढंग से चयन के साथ विकास एवं प्रतिस्पर्धा में एकरूपता देखने को मिलेगी।
प्रमुख सचिव ने बताया कि प्रस्तावित खेल नीति का प्रमुख उद्देश्य खेल संस्कृति का समस्त वर्गों में बढ़ावा देना है। इस नीति के लागू होने से खेलों के विस्तार के साथ खिलाड़ियों की प्रतिभागिता में वृद्धि होगी। इसके तहत खेल प्रतिभाआंे के चिन्हींकरण एवं बहुमुखी क्षमता विकास को विशेष प्राथमिकता मिलेगी।उन्होंने बताया कि प्रस्तावित नीति में खेल अवस्थापनाओं, उपकरणों, भौतिक संरचना पर विशेष बल दिया गया है। इसके अलावा खेल संघों/संस्थाओं, विभागों, सार्वजनिक उपक्रमों तथा स्वयंसेवी संस्थाओं आदि के मध्यम समन्यव रखते हुए खेलों के समग्र विकास को विशेष प्राथमिकता दी जायेगी।
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