इप्सेफ के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री वी पी मिश्र ने अपर मुख्य सचिव गृह से मिलकर कोविड-19 के बढ़ते प्रभाव पर चिंता जताई।
इप्सेफ के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री वी पी मिश्र ने अपर मुख्य सचिव गृह से मिलकर कोविड-19 के बढ़ते प्रभाव पर चिंता जताई।
- प्रदेश में 15 दिन का पूर्व लॉकडाउन लगाया जाए।
- कोविड-19 के इलाज हेतु सेवानिवृत्त अनुभवी डॉक्टर, नर्सेज एवं पैरामेडिकल स्टाफ की सेवाएं ली जाए।
- निरंतर बढ़ रहे अपराधों एवं महंगाई प्रभावी नियंत्रण किया जाए।
- आरएलसी लिंब सेंटर को कोविड-19 अस्पताल न बनाया जाए।
इंडियन पब्लिक सर्विस इम्पलाइज फेडरेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री वी पी मिश्र ने प्रदेश के अपर मुख्य सचिव गृह श्री अवनीश अवस्थी से भेंट कर कहा कि निरंतर बढ़ रही कोविड-19 की बीमारी से प्रदेश में भय का माहौल व्याप्त है। इसका मुख्या कारण अनुभवी डाक्टर नर्सेज, एवं पैरामेडिकल स्टाफ की कमी है। उन्होंने सुझाव दिया की सेवानिवृत्त अनुभवी स्टाफ की सेवाएं ली जाए। हजारों पद रिक्त होने के कारण कार्यरत स्टाफ की अत्यधिक कमी हो गई है। आउटसोर्सिंग के कर्मचारियों से इस बीमारी का इलाज संभव नहीं है। नर्सेज फार्मासिस्ट लैब टेक्नीशियन एवं अन्य तकनीकी कर्मचारियों की कमी से इलाज में बाधा पड़ रही है।
श्री मिश्र ने यह भी सुझाव दिया की प्रदेश में 15 दिन का पूर्ण लाकडाउन करना अनिवार्य हो गया है, तभी बीमारी पर रोक लगेगा। अस्पतालों मे अन्य बीमारी के इलाज में बाधा उत्पन्न हो रही है। जनता परेशान है। कर्मचारियों का भी इलाज नहीं हो पा रहा है।
आर.ए.एल.सी (लिंब सेंटर) को कोविड-19 अस्पताल घोषित न किया जाए क्योंकि वहां पर दिव्यांगों व जेपेनीज इंसेफलाइटिस के मरीजों का इलाज होता है, दुर्घटनाओ में बहुत से लोगों के हाथ पैर कट जाते हैं उनका इलाज होता है तथा आर्टिफिशियल हाथ पैर आदि बनाये जाते हैं ऐसे मरीज भर्ती भी रहते हैं इसके अतिरिक्त आर्थोपेडिक,गठिया, संचारी रोग सहित अन्य महत्वपूर्ण विभाग कार्यरत हैं सभी विभागों के विभागाध्यक्ष ने इसका विरोध करते हुए लिखा है कि उनके लिए केजीएमयू के शताब्दी अस्पताल में में पर्याप्त जगह उपलब्ध नहीं है इस पर पुनर्विचार किया जाए।इन पांच विभागों के स्थानांतरित होने पर आंख, ओंको सर्जरी सहित कई विभाग प्रभावित हो रहे हैं । कोविड-19 का अस्पताल वार्ड के लिए अन्यत्र व्यवस्था की जाए। वर्तमान परिवेश में कोरोना के बढ़ते हुए संक्रमण को देखते हुए तत्काल बेडो की आवश्यकता है ।ऐसी स्थिति में ट्रॉमा सेंटर जो कि 460 बेड, आई सी यू व्यवस्था , 05 ओ टी , आने जाने के लिए अलग रास्ता सहित सभी आवश्यक उपकरण, जाँच की व्यवस्था से लैस है । के जी एम यू प्रशासन को जनता के हित को देखते हुए तत्काल सुविधा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से इसपर निर्णय लेना चाहिए ।इससे सरकार पर आर्थिक बोझ भी नही पड़ेगा। जबकि लिंब सेंटर में फायर व पर्यावरण की एन ओ सी भी नही प्राप्त है और पूर्ण रूप से तैयार होने में विशेषग्यो के अनुसार 04 से 06 माह लगेंगे।
श्री मिश्र ने श्री अवस्थी जी को बताया कि प्रदेश में अपराध एवं हत्याएँ बढ़ रही है इसपर भी सख्ती से नियंत्रित किया जाए क्योंकि इससे सरकार की छवि खराब हो रही है। यह भी संभवतः पुलिस की कमी से हो रहा है।
अपर मुख्य सचिव गृह श्री अवस्थी जी ने कहा कि इप्सेफ के सुझाव पर वे स्वयं चिंतन करेंगे तथा मुख्यमंत्री जी से भी चर्चा करके प्रभावी कार्यवाही तत्परता से की जाएगी। कर्मचारियों की समस्याओ का भी समाधान किया जाएगा।
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