एटा डिपो की बस संख्याः यू0पी0 81-एएफ-1887 में कुल 68 यात्री यात्रारत थे, जिनमें से 52 यात्री बिना टिकट पाये गये। निलंबित
एटा डिपो की बस संख्याः यू0पी0 81-एएफ-1887 में कुल 68 यात्री यात्रारत थे, जिनमें से 52 यात्री बिना टिकट पाये गये। निलंबित
मा0 परिवहन मंत्री जी श्री अशोक कटारिया द्वारा भ्रष्टाचार से किसी प्रकार का समझौता न करने का स्पष्ट संदेश हाल ही में निगम मुख्यालय पर अपने सम्बोधन में दिया गया है। मुख्यालय को एटा-फर्रूखाबाद मार्ग पर भ्रष्टाचार की गोपनीय सूचना प्राप्त होने पर मुख्यालय प्रवर्तन दल के यातायात अधीक्षक, हरदोई क्षेत्र को इस मार्ग पर औचक निरीक्षण करने के निर्देश पर एटा डिपो की बस संख्याः यू0पी0 81-एएफ-1887 जिसके चालक, श्री लायक सिंह व परिचालक श्री राहुल कुमार थे, को हजियापुर स्थान पर प्रातः लगभग 10.00 बजे चेक किया गया। बस में कुल 68 यात्री यात्रारत थे, जिनमें से 52 यात्री बिना टिकट पाये गये।
उ0प्र0 परिवहन निगम के प्रबन्ध निदेशक, डॉ0 राज शेखर द्वारा भ्रष्टाचार के विरूद्ध जीरो टॉलरेन्स की नीति का प्रतिपादन करते हुए निम्नलिखित अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से निलम्बित कर मुख्यालय से सम्बद्ध किया गयाः-
1. श्री मदन लाल, सहायक क्षेत्रीय प्रबन्धक, एटा डिपो।
2. श्री अंकुर विकास, सहायक क्षेत्रीय प्रबन्धक, फर्रूखाबाद डिपो।
इसी प्रकार मार्ग पर शिथिलता बरतने एवं प्रवर्तन मंे लापरवाही हेतु निम्नलिखित उपाधिकारियों को निलम्बित किये जाने के निर्देश सम्बंधित अधिकारी को दिये गयेः-
ऽ श्री अजय कुमार पाण्डेय, यातायात अधीक्षक, इटावा क्षेत्र
ऽ श्री सूरत सहाय, सहायक यातायात निरीक्षक, फर्रूखाबाद डिपो
ऽ श्री वेदराम, सहायक यातायात निरीक्षक, सम्बद्ध एटा डिपो
ऽ श्री संजय कुमार, सहायक यातायात निरीक्षक, सम्बद्ध एटा डिपो
बस संख्याः यू0पी0 81-एएफ-1887 के चालक श्री लायक सिंह एवं परिचालक श्री राहुल कुमार की सेवाएं तत्काल प्रभाव से समाप्त कर दी गयी हैं तथा प्रबन्ध निदेशक द्वारा प्रकरण की गम्भीरता के दृष्टिगत क्षेत्रीय प्रबन्धक, इटावा को इस प्रकरण में सम्बंधित थाने में दोषियों के विरूद्ध प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराने के निर्देश दिये गये हैं।
प्रबन्ध निदेशक, उ0प्र0 परिवहन निगम द्वारा समस्त अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि प्रवर्तन कार्यों में किसी प्रकार की शिथिलता क्षम्य नहीं होगी और भविष्य में भी बिना टिकट यात्रा के प्रकरण पाये जाने पर दोषी अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध कठोरतम कार्यवाही की जायेगी तथा परिवहन निगम को हुई आर्थिक हानि की वसूली भी दोषियों से की जायेगी।
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