ईद -उल-अज़हा हेल्प लाइन की शुरूआत की गयी है
लखनऊ, 26, जुलाई। दारूल उलूम निजामिया फरंगी महल के अन्र्तगत हर साल की तरह इस साल भी ईद -उल-अज़हा हेल्प लाइन की शुरूआत की गयी है। इस हेल्प लाइन से लोग फोन और वेब साइट के जरिए 23 जुलाई 2020 से 03 अगस्त 2020 तक दोपहर 2 बजे से 4 बजे तक कुर्बानी हज व उमरा और अन्य समस्याओं से सम्बंधित सवालात मालूम कर सकते हैं। जिनके जवाबात इमाम ईदगाह लखनऊ मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली नाजिजम दारूल उलूम निजामिया फरंगी महल की अध्यक्षता में उलमाक्राम का एक पैनल देता है। लोग अपने सवालात इन नम्बरों
9335929670, 7007705774, 9415102947, 9580112032
और वेब साइट www.farangimahal.in पर मालूम कर सकते है। आज पूछे गए सवालों में से कुछ निम्नलिखित हैंे:
सवाल: 1 हम हर साल अपने अलावा अपने छोटे बच्चों की तरफ से भी कुर्बानी करते है। इस साल तंगी की वजह से एैसा करना मुमकिन नही है। शरीअत में इसका क्या हुक्म है?
जवाब: 1 अगर आप साहिब-ए-हैसियत हैं तो आप पर कुर्बानी करना वाजिब है और छोटे बच्चों की तरफ से कुर्बानी करना वाजिब नही बल्कि नफली है। इस लिए इसको ना करके इसी नियत से जो भी रकम सद्का कर सकते हों गरीबों को दे दें।
सवाल: 2 एक बड़े जानवर में चार जिन्दा लोग और तीन मरे हुए लोगों की तरफ से कुर्बानी करें तो क्या जायज है?
जवाब: 2 जी हाँ! जायज है।
सवाल: 3 क्या जानवर की खाल उजरत (मजदूरी) के तौर पर कसाई को दे सकते है?
जवाब: 3 कुर्बानी की खाल उजरत (मजदूरी) के तौर पर कसाई को नही दे सकते हैं।
सवाल: 4 एक शख्स पर कुर्बानी वाजिब थी लेकिन किसी वजह से वह कुर्बानी न कर सका और कुर्बानी के दिन भी बीत गए तो अब वह क्या करे?
जवाब: 4 कुर्बानी के जानवर के बराबर की कीमत सद्का करे।
सवाल: 5 एक आदमी निसाब का मालिक नही है मगर उसने एक बकरा कुर्बानी की नियत से पाल रखा है तो क्या उसे बेच सकता है?
जवाब: 5 इस बकरे को बेच नही सकता बल्कि उस पर कुर्बानी वाजिब है।
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