उन्नाव रेप पीड़िता के पिता का इलाज करने वाले डॉक्टर की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत
लखनऊ। उन्नाव के माखी कांड मामले में रेप पीड़िता के पिता की जेल में पिटाई के बाद उनका इलाज करने वाले डाॅ प्रशांत की संदिग्ध परिस्थितियों में मृत्यु हो गई है।
डॉ प्रशांत ने जब रेप पीड़िता के पिता का इलाज किया था तब वे उन्नाव के जिला अस्पताल की इमरजेंसी में तैनात थे। मामले के तूल पकड़ने पर उन्हे सस्पेंड कर दिया गया था, बहाल होने के बाद से वे फतेहपुर में तैनात थे।
-आध्यात्मिक लेख आत्मा अजर अमर है! मृत्यु के बाद का जीवन आनन्द एवं हर्षदायी होता है! (1) मृत्यु के बाद शरीर मिट्टी में तथा आत्मा ईश्वरीय लोक में चली जाती है :विश्व के सभी महान धर्म हिन्दू, बौद्ध, ईसाई, मुस्लिम, जैन, पारसी, सिख, बहाई हमें बताते हैं कि आत्मा और शरीर में एक अत्यन्त विशेष सम्बन्ध होता है इन दोनों के मिलने से ही मानव की संरचना होती है। आत्मा और शरीर का यह सम्बन्ध केवल एक नाशवान जीवन की अवधि तक ही सीमित रहता है। जब यह समाप्त हो जाता है तो दोनों अपने-अपने उद्गम स्थान को वापस चले जाते हैं, शरीर मिट्टी में मिल जाता है और आत्मा ईश्वर के आध्यात्मिक लोक में। आत्मा आध्यात्मिक लोक से निकली हुई, ईश्वर की छवि से सृजित होकर दिव्य गुणों और स्वर्गिक विशेषताओं को धारण करने की क्षमता लिए हुए शरीर से अलग होने के बाद शाश्वत रूप से प्रगति की ओर बढ़ती रहती है। (2) सृजनहार से पुनर्मिलन दुःख या डर का नहीं वरन् आनन्द के क्षण है : (2) सृजनहार से पुनर्मिलन दुःख या डर का नहीं वरन् आनन्द के क्षण है :हम आत्मा को एक पक्षी के रूप में तथा मानव शरीर को एक पिजड़े के समान मान सकते है। इस संसार में रहते हुए
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