श्रमिकों के पंजीकरण में मनरेगा मजदूर गोशाला तथा ईंट-भट्ठो में कार्य करने वाले श्रमिकों का भी पंजीकरण किया जाय - स्वामी प्रसाद मौर्य
श्रमिकों के पंजीकरण में मनरेगा मजदूर गोशाला तथा ईंट-भट्ठो में कार्य करने वाले श्रमिकों का भी पंजीकरण किया जाय - स्वामी प्रसाद मौर्य
लखनऊ I विधान सभा स्थित तिलक हाल में प्रदेश के श्रम एवं सेवायोजन व समन्वय मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने विभागीय योजनाओं की प्रगति की समीक्षा बैठक कर रहे थे। और उन्होंने श्रमिकों के पंजीकरण में लापरवाही पर उप श्रमायुक्त को निर्देश दिये कि मनरेगा मजदूर गोशाला तथा ईंट-भट्ठो में कार्य करने वाले श्रमिकों का भी पंजीकरण किया जाय। प्रदेश में नवम्बर माह तक 5208339 निर्माण श्रमिक तथा 221611 निर्माण स्थानों का पंजीकरण किया गया। इसी प्रकार प्रदेश में 20.16 लाख पात्र श्रमिकों का नवीनीकरण किया जाना है। इसमें ढिलाई बरतने पर उन्होंने निर्देशित किया कि श्रमिकों के मोबाइल नं0 पर सन्देश भेजकर उन्हें फोन कर नवीनीकरण प्रक्रिया में तेजी लाई जायें। उन्होंने कहा कि पंजीकरण एवं नवीनीकरण में अधिक से अधिक आॅनलाइन प्रक्रिया अपनायी जाये। और उन्होंने कहा कि विभागीय अधिकारी पूरी ईमानदारी निष्ठा व पारदर्शिता के साथ श्रमिकों एवं उनके आश्रितों को योजनाओं का लाभ प्रदान करें. किसी भी स्तर पर कोताही बर्दाश्त नहीं की जायेगी। उन्होंने श्रमिकों के कम पंजीकरण तथा नवीनीकरण में बरतने पर नाराजगी व्यक्त किया और श्रम मंत्री ने कहा कि भारत सरकार द्वारा प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना में 31 मार्च 2020 तक 25,49,400 तथा नेशनल पेंशन योजना टेंडर्स में 9,17,700 लाभार्थियों का पंजीकरण करने का लक्ष्य निर्धारित है। लेकिन दिसम्बर 2019 तक श्रम योगी मानधन योजना में 5,54,348 तथा नेशनल पेंशन योजना में 6120 लाभार्थियों का पंजीकरण किया गया, जो कि लक्ष्य के सापेक्ष काफी कम है। उन्होंने दोनों पेंशन योजनाओं में लाभार्थियों की संख्या बढ़ाने के निर्देश दिये।
इस अवसर पर प्रमुख सचिव श्रम एवं सेवायोजना सुरेश चन्द्रा ने श्रमिकों के बच्चों को छात्रवृत्ति योजना का लाभ दिलाने में जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी से समन्वय बनाने के निर्देश दिये। उन्होंने शिकायतों व मुकदमों के निस्तारण में तेजी लाने के भी निर्देश दिए।
समीक्षा बैठक में श्रम एवं सेवायोजन राज्यमंत्री मनोहर लाल मन्नूकोरी. श्रम आयुक्त के साथ शासन तथा विभाग के अधिकारी मौजूद रहे।
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