राज्य सरकार निराश्रित व बेसहारा गोवंश के संरक्षण एवं संवर्द्धन हेतु प्रतिबद्ध
लखनऊः 03 जनवरी, 2020
उत्तर प्रदेश सरकार निराश्रित व बेसहारा गोवंश के संरक्षण एवं संवर्द्धन के लिए प्रतिबद्ध है। मुख्यमंत्री निराश्रित गोवंश सहभागिता योजना के माध्यम से पशुपालक लाभान्वित हो रहे हैं और शीत ऋतु से गोवंश के बचाव हेतु व्यापक प्रबन्ध सुनिश्चित किए गये हैं। प्रदेश में दिनांक 02.01.2020 तक 4.23 लाख गोवंश को संरक्षित कर लिया गया है, जिसमें से 3.79 लाख गोवंश की ईयर टैगिंग, 1.16 लाख नर गोवंश का बधियाकरण, शत प्रतिशत टीकाकरण एवं 3217 मादा गोवंश में कृत्रिम गर्भाधान का कार्य किया गया है।
यह जानकारी आज यहां पशुधन विभाग के प्रमुख सचिव श्री बी0 एल0 मीणा ने दी। उन्होंनें बताया कि गोवंश के संरक्षण एवं सुरक्षा के लिए विभागीय अधिकारियों द्वारा नियमित रूप से गोआश्रय स्थलों का भ्रमण कर उनके समुचित रख-रखाव हेतु कार्य किया जा रहा है। प्रत्येक जनपद के जिलाधिकारियों, मुख्य विकास अधिकारियों सेे कार्यों की प्रगति प्राप्त कर यथा आवश्यक निर्देश दिए जा रहें हैं। उन्होंने बताया कि शीत ऋतु से किसी गोवंश की मृत्यु न हो इस हेतु प्रदेश सरकार संवेदनशील है। वरिष्ठ विभागीय अधिकारियों द्वारा नियमित रुप से गोवंश के शीतऋतु से बचाव हेतु किए गए प्रबन्धन का भी स्थलीय सत्यापन किया जा रहा है।
प्रमुख सचिव ने बताया कि बेसहारा एवं निराश्रित गोवंश हेतु प्रत्येक जिले में अस्थाई आश्रय स्थलों में एकत्र निराश्रित पशुओं को आश्रित करने हेतु पशुपालन विभाग के सहयोग से ''मुख्यमंत्री निराश्रित/बेसहारा गोवंश सहभागिता योजना'' चलाई जा रही है। इसके तहत पशुपालकों को जागरूक कर, निराश्रित पशुओं को आश्रय स्थल से प्राप्त कर, अपने घरों में आश्रय देने हेतु प्रोत्साहित किया जा रहा है। इसके द्वारा निराश्रित पशुओं को एक आश्रय भी मिलता है और उनकी देखभाल होती है। उन्होंने बताया कि इस हेतु पशुपालकों को उनके पशु प्रेम व उदारता के लिए सरकार द्वारा रू0 900/- प्रति माह पशुओं की देखभाल हेतु सहयोग राशि भी दी जा रही है। इसी योजना के तहत जिला रामपुर के शाहाबाद तहसील में ग्राम मिलक तौर खेड़ा की शांति देवी ने एक गाय प्राप्त की थी, जिसको विभागीय कृत्रिम गर्भाधान कार्यक्रम अंतर्गत आच्छादित किया गया, जोे अब गर्भित हो गयी है। उससे दुग्ध उत्पादन प्राप्त करने के लिए वह बहुत उत्साहित है और खुशी से बताती हैं कि इस सहभागिता योजना से अब वह घर पर गाय का दूध प्राप्त कर सकेंगी।
Comments
Post a Comment