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मुख्यमंत्री ने ‘गंगा यात्रा’ हेतु बिजनौर एवं बलिया के लिए गंगा रथों को झण्डी दिखाकर रवाना किया


मुख्यमंत्री ने ‘गंगा यात्रा’ हेतु बिजनौर एवं बलिया के लिए गंगा रथों को झण्डी दिखाकर रवाना किया


लखनऊ: 23 जनवरी, 2020। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज यहां ‘नमामि गंगे परियोजना’ के अन्तर्गत उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा आयोजित ‘गंगा यात्रा’ हेतु बिजनौर एवं बलिया के लिए गंगा रथों को झण्डी दिखाकर रवाना किया। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश देश का पहला राज्य है जहां ‘गंगा यात्रा’ का आयोजन किया जा रहा है। इस अवसर उन्होंने ‘गंगा यात्रा’ के थीम सांग को भी लाॅन्च किया।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि माँ गंगा भारत की नदी संस्कृति की प्रतीक हैं। माँ गंगा प्रत्येक भारतीय की आस्था का प्रतीक हैं। उन्होंने कहा कि ‘नमामि गंगे परियोजना’ के माध्यम से माँ गंगा को स्वच्छ करने का जो संकल्प प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने लिया था, वह अब धरातल पर दिखने लगा है। माँ गंगा प्रदेशवासियों के लिए अर्थव्यवस्था का प्रमुख आधार हैं। ‘गंगा यात्रा’ के दौरान इसके तटवर्ती क्षेत्रों में गंगा बांध, गंगा मेले, गंगा पार्क आदि का निर्माण कराया जाएगा। उन्होंने कहा कि यात्रा के दौरान 26 जनपदों में सभी विभागों की जनकल्याणकारी कार्यक्रमों और उपलब्धियों के बारे में लोगों को अवगत कराया जाएगा। विभिन्न योजनाओं के लाभार्थियों को चिन्हित करते हुए उन्हें लाभान्वित भी किया जाएगा।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि ‘गंगा यात्रा’ को अर्थ-गंगा से जोड़ा जाएगा और इसको एक सतत् कार्यक्रम बनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि गंगा जी आस्था का प्रतीक होने के अलावा, देश के विकास और समृद्धि में भी सहायक हैं। माँ गंगा व उसकी सहायक नदियों से उत्तर प्रदेश की धरती सर्वाधिक ऊर्वर है। उन्होंने कहा कि ‘गंगा यात्रा’ के दौरान पड़ने वाले 1038 ग्राम पंचायतों और 21 नगर निकायों में आॅर्गेनिक खेती को प्रोत्साहित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि गौ आधारित खेती का विशेष प्रशिक्षण संचालित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि ‘गंगा यात्रा’ में सभी की सहभागिता भी सुनिश्चित की जाएगी।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि माँ गंगा का देश के पांच राज्यों उत्तराखण्ड, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखण्ड तथा पश्चिम बंगाल में 2525 किमी0 का प्रवाह है, जिसमें 1025 किमी0 का सर्वाधिक प्रवाह उत्तर प्रदेश में है। इसलिए इसे स्वच्छ और निर्मल बनाने की सबसे अधिक जिम्मेदारी भी उत्तर प्रदेश की है। कानपुर में 14 करोड़ लीटर सीवर का पानी सीसामऊ नाले में गिरता था, लेकिन ‘नमामि गंगे परियोजना’ के माध्यम से अब इसमें एक बंूद भी सीवर का पानी नहीं गिर रहा है। पूर्ववर्ती सरकारों की अनदेखी का परिणाम रहा है कि जाजमऊ में जलीय जीव विलुप्त होने लगे थे, वहीं वर्तमान सरकार के प्रयासों का परिणाम है कि यहां पुनः जलीय जीव पनपने लगे हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि ‘नमामि गंगे परियोजना’ की सफलता प्रयागराज कुम्भ-2019 के दौरान आमजन मानस ने देखी। दुनिया के सबसे बड़े इस सांस्कृतिक व आध्यात्मिक आयोजन की चर्चा पूरे विश्व में हुई। कुम्भ के दौरान देश-विदेश के 25 करोड़ श्रद्धालुओं ने माँ गंगा में स्नान किया।
ज्ञातव्य है कि ‘गंगा यात्रा’ 27 से 31 जनवरी, 2020 तक बिजनौर से कानपुर तथा बलिया से कानपुर तक जाएगी।
इस अवसर पर जल शक्ति मंत्री डाॅ0 महेन्द्र सिंह, कृषि मंत्री श्री सूर्य प्रताप शाही, गन्ना विकास मंत्री श्री सुरेश राणा, पर्यटन एवं संस्कृति राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डाॅ0 नीलकंठ तिवारी, जल शक्ति राज्य मंत्री श्री बलदेव ओलख, मुख्य सचिव श्री आर0के0 तिवारी, पुलिस महानिदेशक श्री ओ0पी0 सिंह, अपर मुख्य सचिव गृह एवं सूचना श्री अवनीश कुमार अवस्थी, सूचना निदेशक श्री शिशिर सहित शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।


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