उत्तर प्रदेश काँग्रेस विधान मण्डल दल की नेता श्रीमती आराधना मिश्रा ’मोना’ ने विधान सभा में छात्र आन्दोलन पर हो रही बहस में हिस्सा लेते हुए इस पर चिन्ता व्यक्त की
उत्तर प्रदेश काँग्रेस विधान मण्डल दल की नेता श्रीमती आराधना मिश्रा 'मोना' ने विधान सभा में छात्र आन्दोलन पर हो रही बहस में हिस्सा लेते हुए इस पर चिन्ता व्यक्त की
लखनऊ I उत्तर प्रदेश काँग्रेस विधान मण्डल दल की नेता श्रीमती आराधना मिश्रा 'मोना' ने विधान सभा में छात्र आन्दोलन पर हो रही बहस में हिस्सा लेते हुए इस पर चिन्ता व्यक्त की और सरकार को घेरा। उन्होने बताया कि इस आन्दोलन को सरकार कम करके मत आॅकें। यह केवल जामिया के छात्रों की माॅग नहीं है। नागरिकता संशोधन कानून पर जो जामिया के छात्रों का आन्दोलन हुआ और जिस प्रकार से छात्रों को बर्बरतापूर्वक पीटा गया उसपर पूरे देश के छात्र आन्दोलित हैं। मोना जी ने कहा चुने हुए सदस्यों की सबसे पहली जिम्मेदारी है कि वह संविधान की रक्षा करे और इसका संकल्प शपथ लेते समय करता है। फिर काॅग्रेस के सभी सदस्य संविधान को बचाने के लिए सदैव संघष्र्र करेंगें। उन्होंने कहा कि पुलिस की बर्बरता ने उ0प्र0 के छात्रों को ही नहीं, देश भर के छात्रों को आन्दोलित कर दिया। आईआईटी कानपुर, बीएचयू, इलाहाबाद आदि विश्वविद्यलयों में छात्रों के आक्रोश को हल्के में न लें। उन्होंने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि इतिहास गवाह है कि जब-जब छात्रों ने आन्दोलन किया है प्रदेश ही नहीं देश की सत्ता बदल गयी। सरकार को छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ नहीं करना चाहिए। उनकी आवाज को लाठियों से न दबाये, उनकी वास्तविक माॅग को सुने। ये छात्र देश व प्रदेश में होने वाली बेरोजगारी से चिन्तित हैं और सरकार उनका ध्यान अन्य बातों में उलझाना .चाहती है, जब सरकार ने विपक्ष का जबाव देते हुए कहा कि प्रदेश में मुख्य मंत्री के सुशासन से विपक्ष हताश है तो इस पर काॅग्रेस विधान मण्डल दल नेता ने जोरदार तरीके से हमला करते हुए कहा कि नहीं चाहिए ऐसा सुशासन जहाॅ महिलायें जिन्दा जला दी जाती हैं और ये कहते हुए उन्होंने अपने सदस्यों के साथ सदन से बर्हिगमन कर दिया।
श्रीमती मिश्रा ने नियम 301 के अन्तर्गत सदन में सूचना दी कि इलाहाबाद विश्वविद्यालय में छात्राओं के आवास में विषम समस्यायें हैं। उन्होनें बताया कि छात्राओं के आवास हेतु एक छात्रावास है, जहाॅ लगभग 4000 छात्राएं अध्ययनरत है। यहाॅ पर अधिकांश वार्डेन पुरूष हैं और महिला वार्डेन की बहुत कम संख्या है। छात्रावास में आये दिन कुछ न कुछ निर्माण व मरम्मत का कार्य चलता रहता है, जिसके चलते वहाॅ काम करने वाले मजदूर रहते हैं, जो बिला वजह छात्राओं के कमरे के आसपास घूमते रहते हैं व टिकाटिप्पणी करते हैं। कई बार छात्राओं द्वारा विश्वविद्यालय प्रशासन से शिकायत की गई परन्तु कोई सुधार नहीं हुआ। श्रीमती मिश्रा ने सरकार से अनुरोध किया कि छात्राएं अपने को असुरक्षित महसूस कर रहीं है, अतः उनकी समस्या का अविलम्ब समाधान किया जाय।
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