मंत्रिपरिषद के महत्वपूर्ण निर्णय
उ0प्र0 विधान परिषद सचिवालय सेवा (भर्ती एवं सेवा शर्तें) (चतुर्थ संशोधन) नियमावली, 2019 प्रख्यापित
उत्तर प्रदेश विधान परिषद सचिवालय सेवा (भर्ती एवं सेवा शर्तें) (चतुर्थ संशोधन) नियमावली, 2019 प्रख्यापित की गयी है।
भारत का संविधान के अनुच्छेद 187 के खण्ड (3) के अन्तर्गत यह प्रावधान है कि माननीय सभापति, विधान परिषद के परामर्श से श्री राज्यपाल विधान परिषद के सचिवालय के कर्मचारियों की भर्ती और नियुक्त व्यक्तियों की सेवा की शर्ताें के विनियमन के लिये नियम बना सकते हैं। वर्ष 2010 में उत्तर प्रदेश विधान सभा सचिवालय के लोक सेवा आयोग की परिधि में आने वाले विभिन्न पदों पर चयन की कार्यवाही करने का अधिकार लोक सेवा आयोग उत्तर प्रदेश के स्थान पर मा0 अध्यक्ष, विधान सभा/विभागीय चयन समिति को प्रदान किये जाने के सम्बन्ध में उत्तर प्रदेश विधान सभा सचिवालय सेवा (भर्ती तथा सेवा की शर्ताें) (पांचवां संशोधन) नियमावली, 2010 अधिसूचना दिनांक 11 जनवरी, 2011 के माध्यम से प्रख्यापित की गयी थी।
विधान परिषद सचिवालय के कार्मिकों के पदनाम, वेतन आदि विधान सभा सचिवालय के कार्मिकों के समकक्ष हैं, अतः भर्ती के स्रोत में एकरूपता बनाये रखने के उद्देश्य से विधान परिषद सचिवालय की सेवा नियमावली में भी तद्नुसार संशोधन की आवश्यकता है। इसके अतिरिक्त कतिपय पदों की शैक्षिक/अधिमानी अर्हताओं में राज्य सरकार द्वारा संशोधन कर दिये गये हैं। अतः उनका समावेश भी नियमावली में आवश्यक है।
मा0 मंत्रिपरिषद द्वारा दिनांक 13 नवम्बर, 2018 को सम्पन्न बैठक में दिये गये आदेशों के क्रम में इस नियमावली में से अन्य पदों को पृथक करते हुए प्रमुख सचिव, विधान परिषद के पद से सम्बन्धित संशोधनों विषयक विधान परिषद सचिवालय सेवा (भर्ती तथा सेवा की शर्तें) (तृतीय संशोधन) नियमावली, 2018 मा0 मंत्रिपरिषद के अनुमोदनोपरान्त प्रख्यापित की जा चुकी है।
उत्तर प्रदेश विधान परिषद सचिवालय सेवा (भर्ती तथा सेवा की शर्तें) (चतुर्थ संशोधन) नियमावली, 2019 में विधान परिषद सचिवालय के प्रमुख सचिव पद को छोड़कर लोक सेवा आयोग उत्तर प्रदेश की परिधि के अन्तर्गत आने वाले अन्य पदों पर चयन/पदोन्नति की कार्यवाही करने का अधिकार लोक सेवा आयोग के स्थान पर मा0 सभापति/विभागीय चयन समिति को प्रदान करने, कतिपय ऐसे पदों जिनकी शैक्षिक/अधिमानी अर्हताओं में राज्य सरकार द्वारा संशोधन किया जा चुका है, तदनुसार संशोधित करने तथा ऐसे पद जो अब तक नियमावली में सम्मिलित नहीं किये जा सके हैं, उनका समावेश नियमावली में करने सम्बन्धी प्राविधान किये जा रहे हैं।
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