पारांपरिक कलाओं को वैश्विक पहचान देने के लिए डिजाइन इन्स्टीट्यूट की स्थापना कराई जा रही है- हथकरघा एवं वस्त्रोद्योग मंत्री
लखनऊ I विधानसभा स्थित उत्तर प्रदेश के हथकरघा एवं वस्त्रोद्योग मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह के कार्यालय मे आयें उ०प्र० बुनकर फोरम के प्रदेश अध्यक्ष अरशद जमाल ने वस्त्रोद्योग मंत्री को आठ सूत्रीय मांग पत्र देते हुए कहा कि बुनकरों के विद्युत फ्लैट रेट में वृद्धि की जायें। इसके साथ ही बुनकरों की सब्सिडी की धनराशि में वृद्धि की जायें। श्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा कि पावरलूम बुनकरों को क्लस्टर के तहत कच्चा माल से लेकर सभी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराने में सहयोग करेंगी। इससे छोटे-छोटे कारीगरों को काफी सहूलियत होगी। उन्होंने कहा कि सस्ते लोन के लिए सिडबी एवं बैंक आफ बड़ौदा से समझौता किया गया है। बुनकरों के आर्थिक और सामाजिक सुदृढ़ीकरण के लिए सरकार द्वारा अनेक कदम उठाये गये हैं। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि वे बुनकरों के साथ संवाद स्थापित कर मौके पर ही उनकी समस्याओं का निदान सुनिश्चित करें।
वस्त्रोद्योग मंत्री ने कहा कि पारांपरिक कलाओं को वैश्विक पहचान देने के लिए डिजाइन इन्स्टीट्यूट की स्थापना कराई जा रही है। इसमें अन्तर्राष्ट्रीय मार्केट की मांग के अनुसार डिजाइन की व्यवस्था सुनिश्चित होगी। उन्होंने कहा कि बुनकरों के व्यवसाय को बढ़ाने के लिए प्रदेश में बंद पड़े सभी कम्बल कारखानों को पुनर्संचालित कराया गया है। उन्होंने कहा कि पारंपरिक कला को संरक्षित करने पर विशेष बल दिया गया है। हथकरघा उद्योग प्राचीन परम्परा के तहत आज भी चल रहे हैं। बुनकरों को चाहिए कि वर्तमान बदलते परिवेश में नई-नई तकनीकों को अपनायें ताकि उनके उत्पादों की बाजार में मांग बढ़ सके। नई तकनीक उपलब्ध कराने के लिए सरकार ने सीएफसी के तहत आधुनिक सुविधाएं सुलभ कराने की व्यवस्था की जा रही है।
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