Skip to main content

शिक्षक-शिक्षिकाएं समाज का महत्त्वपूर्ण अंग


शिक्षक-शिक्षिकाएं समाज का महत्त्वपूर्ण अंग


सावी न्यूज़ महमूदाबाद,सीतापुर। शिक्षक-शिक्षिकाएं समाज का महत्त्वपूर्ण अंग हैं।उनके हितों का ध्यान रखना उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ की जिम्मेदारी है।संघ यह जिम्मेदारी निभाने में पूर्णतया सक्षम है।संगठन के पदाधिकारी हमेशा सहयोगी की भांति शिक्षक-शिक्षिकाओं की पैरवी करते रहे हैं।



       उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ द्वारा सीता इंटर कालेज के सभागार में आयोजित बैठक में उपस्थित शिक्षक शिक्षिकाओं को संबोधित करते हुए संघ के जिलामंत्री व अध्यक्ष पद के प्रत्याशी रवीन्द्र कुमार दीक्षित ने यह बात कही।उन्होंने कहा कि 30 अगस्त को होने वाले  सीतापुर जिला इकाई के चुनाव में सोच-समझकर ऐसे लोगों के पक्ष में मतदान करें जो लोगों को अपने परिवार का सदस्य समझकर उनके हितों की रक्षा के लिए प्रभावी संघर्ष करने में सक्षम हों।जिलामंत्री पद के प्रत्याशी व बिसवां ब्लॉक के अध्यक्ष संकेत वर्मा ने लोगों से समर्थन की अपील की।रेउसा ब्लॉक के अध्यक्ष महेंद्र पांडेय,मंत्री सच्चिदानंद,महमूदाबाद ब्लॉक के अध्यक्ष हंसराज वर्मा,मंत्री अजय मिश्र,अशेष ईशान वाजपेयी,महेंद्र प्रताप मिश्र,रोहित गुप्त,उमेश वर्मा,मनीष शर्मा ने रवीन्द्र कुमार दीक्षित व संकेत वर्मा के पक्ष में मतदान करने की अपील की।बैठक में रत्नेश मिश्र,जलीस अंसारी,अर्चना वर्मा,सरस्वती देवी,नीलम वर्मा,सुशील वर्मा,कमाल अहमद,विजय कुमार वर्मा,अमित शुक्ल,गोपाल कृष्ण इस्लामुद्दीन सहित बड़ी संख्या में डेलीगेट उपस्थित थे।


Comments

Popular posts from this blog

आत्मा अजर अमर है! मृत्यु के बाद का जीवन आनन्द एवं हर्षदायी होता है!

-आध्यात्मिक लेख  आत्मा अजर अमर है! मृत्यु के बाद का जीवन आनन्द एवं हर्षदायी होता है! (1) मृत्यु के बाद शरीर मिट्टी में तथा आत्मा ईश्वरीय लोक में चली जाती है :विश्व के सभी महान धर्म हिन्दू, बौद्ध, ईसाई, मुस्लिम, जैन, पारसी, सिख, बहाई हमें बताते हैं कि आत्मा और शरीर में एक अत्यन्त विशेष सम्बन्ध होता है इन दोनों के मिलने से ही मानव की संरचना होती है। आत्मा और शरीर का यह सम्बन्ध केवल एक नाशवान जीवन की अवधि तक ही सीमित रहता है। जब यह समाप्त हो जाता है तो दोनों अपने-अपने उद्गम स्थान को वापस चले जाते हैं, शरीर मिट्टी में मिल जाता है और आत्मा ईश्वर के आध्यात्मिक लोक में। आत्मा आध्यात्मिक लोक से निकली हुई, ईश्वर की छवि से सृजित होकर दिव्य गुणों और स्वर्गिक विशेषताओं को धारण करने की क्षमता लिए हुए शरीर से अलग होने के बाद शाश्वत रूप से प्रगति की ओर बढ़ती रहती है। (2) सृजनहार से पुनर्मिलन दुःख या डर का नहीं वरन् आनन्द के क्षण है : (2) सृजनहार से पुनर्मिलन दुःख या डर का नहीं वरन् आनन्द के क्षण है :हम आत्मा को एक पक्षी के रूप में तथा मानव शरीर को एक पिजड़े के समान मान सकते है। इस संसार में रहते हुए

लखनऊ में स्मारक समिति कर्मचारियों का जोरदार प्रदर्शन

लखनऊ में स्मारक समिति कर्मचारियों का जोरदार प्रदर्शन स्मारक कर्मचारियों ने किया कार्य बहिष्कार कर्मचारियों ने विधानसभा घेराव का किया ऐलान जानिए किन मांगों को लेकर चल रहा है प्रदर्शन लखनऊ 2 जनवरी 2024 लखनऊ में स्मारक समिति कर्मचारियों का जोरदार प्रदर्शन स्मारक कर्मचारियों ने किया कार्य बहिष्कार और कर्मचारियों ने विधानसभा घेराव का भी है किया ऐलान इनकी मांगे इस प्रकार है पुनरीक्षित वेतनमान-5200 से 20200 ग्रेड पे- 1800 2- स्थायीकरण व पदोन्नति (ए.सी.पी. का लाभ), सा वेतन चिकित्सा अवकाश, मृत आश्रित परिवार को सेवा का लाभ।, सी.पी. एफ, खाता खोलना।,  दीपावली बोनस ।

भगवान चित्रगुप्त व्रत कथा पुस्तक का भव्य विमोचन

भगवान चित्रगुप्त व्रत कथा पुस्तक का भव्य विमोचन लखनऊ, जुलाई 2023, अयोध्या के श्री धर्महरि चित्रगुप्त मंदिर में भगवान चित्रगुप्त व्रत कथा पुस्तक का भव्य विमोचन  किया गया। बलदाऊजी द्वारा संकलित तथा सावी पब्लिकेशन लखनऊ द्वारा प्रकाशित इस पुस्तक का विमोचन संत शिरोमणी श्री रमेश भाई शुक्ल द्वारा किया गया जिसमे आदरणीय वेद के शोधक श्री जगदानंद झा  जी भी उपस्थित रहै उन्होने चित्रगुप्त भगवान् पर व्यापक चर्चा की।  इस  अवसर पर कई संस्था प्रमुखो ने श्री बलदाऊ जी श्रीवास्तव को शाल पहना कर सम्मानित किया जिसमे जेo बीo चित्रगुप्त मंदिर ट्रस्ट,  के अध्यक्ष श्री दीपक कुमार श्रीवास्तव, महामंत्री अमित श्रीवास्तव कोषाध्यक्ष अनूप श्रीवास्तव ,कयस्थ संध अन्तर्राष्ट्रीय के राष्ट्रीय अध्यक्ष दिनेश खरे, अ.भा.का.म के प्रदेश अध्यक्ष श्री उमेश कुमार जी एवं चित्रांश महासभा के कार्वाहक अध्यक्ष श्री संजीव वर्मा जी के अतिरिक्त अयोध्या नगर के कई सभासद भी सम्मान मे उपस्थित रहे।  कार्यक्रम की अध्यक्षता संस्था के अध्यक्ष दीपक श्रीवास्तव जी ने की एवं समापन महिला अध्यक्ष श्री मती प्रमिला श्रीवास्तव द्वारा किया गया। कार्यक्रम