Skip to main content

निहार शांति आंवला ने उत्तर प्रदेश और झारखंड  में शुरू किए डिजिटल क्लासरूम 


उत्तर प्रदेश और झारखंड के सुदूर गाँवों में 20 से अधिक स्कूलों तक पहुँचने के लिए एक अनूठी पहल, 2000 से अधिक बच्चों को लाभान्वित करने का इरादा।


निहार शांति आंवला ने उत्तर प्रदेश और झारखंड 
में शुरू किए डिजिटल क्लासरूम 

सावी न्यूज़ लखनऊ। मैरिको लिमिटेड के प्रमुख वैल्यू एडेड हेयर ऑयल ब्रांड निहार शांति आंवला ने आज एनजीओ पार्टनर ई-विद्यालोक के साथ साझेदारी में उत्तर प्रदेश और झारखंड राज्य में अपनी 'पाठशाला फनवाला' पहल के तहत डिजिटल कक्षाओं की स्थापना करने की घोषणा की। निहार शांति आंवला की यह पहल बच्चों की शिक्षा में योगदान देकर प्रगतिशील समाज के निर्माण के प्रति निहार की प्रतिबद्धता के अनुरूप है।


डिजिटल क्लासरूम पहल का उद्घाटन एसडीम सदर बस्ती श्री  शिव प्रताप शुक्ला के उपस्थिति में जे एच एस रामपुरदेवरिया बस्ती में किया गया। इस समारोह में स्कूली बच्चे, उनके अभिभावक, स्कूल प्राधिकारी और स्थानीय गणमान्य लोग भी शामिल हुए। इसी समारोह में 20 स्कूलों में- बस्ती और झारखंड प्रत्येक में 10- अन्य डिजिटल क्लासरूम का ई-उद्घाटन भी किया गया। डिजिटल क्लासरूम दूरदराज के स्वयंसेवकों के माध्यम से शिक्षण के लिए एक अनूठा तरीका अपनाते हैं, जो ऑनलाइन जुड़ सकते हैं और इन सरकारी स्कूलों में बच्चों को पढ़ा सकते हैं। स्वयंसेवक स्काइप से जुड़ने और इन छात्रों को अंग्रेजी, गणित और विज्ञान सिखाने के लिए ई-विद्यालोक प्लेटफाॅर्म का उपयोग करेंगे और इस प्रकार तकनीक के माध्यम से इस क्षेत्र के सबसे दूरदराज के गांवों में विशेषज्ञता और योग्यता शिक्षा लाएंगे। शहरी स्वयंसेवक ग्रेड 5 से लेकर ग्रेड 8 तक के छात्रों को नियमित स्कूली पाठ्यक्रम पढ़ाएंगे और इस कार्यक्रम के तहत छात्रों को काॅन्सेप्ट्स और स्पोकन अंग्रेजी सीखने में मदद करेंगे। 


इस पहल की जानकारी देते हुए मैरिको लिमिटेड के चीफ मार्केटिंग आॅफिसर श्री कोषी जाॅर्ज कहते हैं, ''निहार शांति आंवला ने हमेशा सामाजिक प्रगति को लेकर प्रतिबद्धता जताई है और उनका मानना है कि शिक्षा विकास की मूल नींव है। विद्यार्थियों को बेहतर शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए हम ऐसे माध्यम का इस्तेमाल करना चाहते हैं, जो बच्चों के साथ अच्छी तरह से जुड़ता है और इसी सिलसिले में हम 'पाठशाला फनवाला' पहल के तहत अनेक कार्यक्रम संचालित कर रहे हैं। डिजिटल क्लासरूम स्थापित करना इसी पहल का एक विस्तार है। हम इस पहल को ई-विद्यालोक के साथ मिलकर लागू कर रहे हैं, क्योंकि उनके पास स्थानीय और ढांचागत विशेषज्ञता उपलब्ध है। शहरी केंद्रों से प्रौद्योगिकी और स्वयंसेवकों की मदद से, ये डिजिटल क्लासरूम दूरदराज के गांवों में स्थित सरकारी स्कूलों को सर्वोत्तम तरीके से सीखने के परिणामों को हासिल करने में मदद करते हैं।'' 


ई-विद्यालोक के श्री वेंकटरमणन श्रीरमण कहते हैं, ''ग्रामीण भारत के शैक्षिक परिदृश्य को बदलने की दिशा में हमारे मिशन की गतिविधियों के साथ ई-विद्यालोक, निहार शांति के 'पाठशाला फनवाला' अभियान के साथ मिलकर उत्तर प्रदेश और झारखंड के दूरदराज के 20 से अधिक गांवों तक पहुंचता है। इस पहल से ग्रामीण भारत के 2000 बच्चे लाभान्वित होते हैं। इस कार्यक्रम को प्रभावी तरीके से लागू करने के लिए हम स्थानीय स्वयंसेवी संगठनों (एनजीओ) के साथ काम कर रहे हैं। बस्ती, उत्तरप्रदेश में हम सद्भावना ग्रामीण विकास संस्थान के साथ मिलकर इस पहल को आगे बढा रहे हैं। हम इस डिजिटल क्लासरूम कार्यक्रम के माध्यम से ग्रामीण भारत के बच्चों के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को सक्षम बनाने के लिए तत्पर हैं।''


निहार शांति की 'पाठशाला फनवाला' की अवधारणा दरअसल बच्चों को कभी भी, कहीं भी बिना किसी शुल्क के स्पोकन अंग्रेजी सीखने में मदद करने के लिए तैयार की गई थी। पिछले साल एक अनूठी पहल 'फोन उठाओ इंडिया को पढाओ' के साथ इस कार्यक्रम को अगले स्तर पर ले जाया गया। इसके तहत शहरी स्वयंसेवकों को ग्रामीण क्षेत्रों में ऐसे वंचित बच्चों के साथ जोड़ा गया, जो स्पोकन अंग्रेजी का अभ्यास करना चाहते हैं। पिछले कुछ वर्षों में, निहार शांति की 'पाठशाला फनवाला' ने बड़े पैमाने पर ग्रामीण आउटरीच कार्यक्रमों का नेतृत्व किया है, जिसने 7000 से ज्यादा गांवों को सकारात्मक रूप से प्रभावित किया है और यह अभियान इन गांवों में 7.5 लाख से अधिक बच्चों तक पहुंच गया हैै।


Comments

Popular posts from this blog

आत्मा अजर अमर है! मृत्यु के बाद का जीवन आनन्द एवं हर्षदायी होता है!

-आध्यात्मिक लेख  आत्मा अजर अमर है! मृत्यु के बाद का जीवन आनन्द एवं हर्षदायी होता है! (1) मृत्यु के बाद शरीर मिट्टी में तथा आत्मा ईश्वरीय लोक में चली जाती है :विश्व के सभी महान धर्म हिन्दू, बौद्ध, ईसाई, मुस्लिम, जैन, पारसी, सिख, बहाई हमें बताते हैं कि आत्मा और शरीर में एक अत्यन्त विशेष सम्बन्ध होता है इन दोनों के मिलने से ही मानव की संरचना होती है। आत्मा और शरीर का यह सम्बन्ध केवल एक नाशवान जीवन की अवधि तक ही सीमित रहता है। जब यह समाप्त हो जाता है तो दोनों अपने-अपने उद्गम स्थान को वापस चले जाते हैं, शरीर मिट्टी में मिल जाता है और आत्मा ईश्वर के आध्यात्मिक लोक में। आत्मा आध्यात्मिक लोक से निकली हुई, ईश्वर की छवि से सृजित होकर दिव्य गुणों और स्वर्गिक विशेषताओं को धारण करने की क्षमता लिए हुए शरीर से अलग होने के बाद शाश्वत रूप से प्रगति की ओर बढ़ती रहती है। (2) सृजनहार से पुनर्मिलन दुःख या डर का नहीं वरन् आनन्द के क्षण है : (2) सृजनहार से पुनर्मिलन दुःख या डर का नहीं वरन् आनन्द के क्षण है :हम आत्मा को एक पक्षी के रूप में तथा मानव शरीर को एक पिजड़े के समान मान सकते है। इस संसार में रहते हुए

लखनऊ में स्मारक समिति कर्मचारियों का जोरदार प्रदर्शन

लखनऊ में स्मारक समिति कर्मचारियों का जोरदार प्रदर्शन स्मारक कर्मचारियों ने किया कार्य बहिष्कार कर्मचारियों ने विधानसभा घेराव का किया ऐलान जानिए किन मांगों को लेकर चल रहा है प्रदर्शन लखनऊ 2 जनवरी 2024 लखनऊ में स्मारक समिति कर्मचारियों का जोरदार प्रदर्शन स्मारक कर्मचारियों ने किया कार्य बहिष्कार और कर्मचारियों ने विधानसभा घेराव का भी है किया ऐलान इनकी मांगे इस प्रकार है पुनरीक्षित वेतनमान-5200 से 20200 ग्रेड पे- 1800 2- स्थायीकरण व पदोन्नति (ए.सी.पी. का लाभ), सा वेतन चिकित्सा अवकाश, मृत आश्रित परिवार को सेवा का लाभ।, सी.पी. एफ, खाता खोलना।,  दीपावली बोनस ।

भगवान चित्रगुप्त व्रत कथा पुस्तक का भव्य विमोचन

भगवान चित्रगुप्त व्रत कथा पुस्तक का भव्य विमोचन लखनऊ, जुलाई 2023, अयोध्या के श्री धर्महरि चित्रगुप्त मंदिर में भगवान चित्रगुप्त व्रत कथा पुस्तक का भव्य विमोचन  किया गया। बलदाऊजी द्वारा संकलित तथा सावी पब्लिकेशन लखनऊ द्वारा प्रकाशित इस पुस्तक का विमोचन संत शिरोमणी श्री रमेश भाई शुक्ल द्वारा किया गया जिसमे आदरणीय वेद के शोधक श्री जगदानंद झा  जी भी उपस्थित रहै उन्होने चित्रगुप्त भगवान् पर व्यापक चर्चा की।  इस  अवसर पर कई संस्था प्रमुखो ने श्री बलदाऊ जी श्रीवास्तव को शाल पहना कर सम्मानित किया जिसमे जेo बीo चित्रगुप्त मंदिर ट्रस्ट,  के अध्यक्ष श्री दीपक कुमार श्रीवास्तव, महामंत्री अमित श्रीवास्तव कोषाध्यक्ष अनूप श्रीवास्तव ,कयस्थ संध अन्तर्राष्ट्रीय के राष्ट्रीय अध्यक्ष दिनेश खरे, अ.भा.का.म के प्रदेश अध्यक्ष श्री उमेश कुमार जी एवं चित्रांश महासभा के कार्वाहक अध्यक्ष श्री संजीव वर्मा जी के अतिरिक्त अयोध्या नगर के कई सभासद भी सम्मान मे उपस्थित रहे।  कार्यक्रम की अध्यक्षता संस्था के अध्यक्ष दीपक श्रीवास्तव जी ने की एवं समापन महिला अध्यक्ष श्री मती प्रमिला श्रीवास्तव द्वारा किया गया। कार्यक्रम