Skip to main content

बने फिर रहे हैं हम वकील बिना वकालत के



बने फिर रहे हैं हम वकील बिना वकालत के.... -विशाल मिश्र


उत्तर प्रदेश उर्दू अकादमी तथा हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के संयुक्त तत्वावधान में मुशायरा-ब-याद-ए-अनवर जलालपुरी का आयोजन हुआ। कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्ज्वलन तथा हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के पूर्व संरक्षक तथा मशहूर शायर पद्मश्री अनवर जलालपुरी जी के चित्र पर पुष्पार्पण करके हुई। संगीत नाटक अकादमी के संत गाडगे जी महाराज प्रेक्षागृह में उत्तर प्रदेश उर्दू अकादमी तथा हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के संयुक्त तत्वावधान में मुशायरे का आयोजन किया गया स ये मुशायरा हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के पूर्व संरक्षक तथा आलमी शोहरत याफ्ता शायर पद्मश्री अनवर जलालपुरी जी की याद में आयोजित किया गया स मालूम हो कि अनवर जलालपुरी गुजिश्ता 02 जनवरी, 2018 को इंतकाल फरमा गए थे  वो मुशायरों में निजामत के लिए उर्दू शायरी की दुनिया में खास तौर पर मशहूर थे स अनवर जलालपुरी जी द्वारा रचित उर्दू शायरी में गीता का उर्दू और हिंदी साहित्य जगत में खास मुकाम है। उन्होनें श्रीमद्भगवद गीता के श्लोकों को शेरों में पिरोया।


मुशायरे में युवा शायर विषाल मिश्र ने सोषल मीडिया पर बेवजह की बहसों पर तंज करते हुये पढा कि 
बने फिर रहें है हम वकील बिना वकालत के,
हमारे खुद के मुकदमे हैं बिना अदालत के.....


साथ ही श्री जौहर कानपुरी जी, सुश्री शबीना अदीब जी, श्री अज्म शाकिरी जी, डाॅ नुसरत मेंहदी जी, डाॅ कलीम कैसर जी, श्री मनीष शुक्ला, श्री वासिफ फारूकी जी, श्री हसन काजमी जी, श्री मखमूर काकोरवी जी, श्री संजय मिश्रा शौक जी, श्री रामप्रकाश बेखुद जी, श्री गैबी जौनपुरी जी, श्री मो अली साहिल जी, श्री शहरयार जलालपुरी जी, सुश्री आयशा अय्यूब जी, श्री पंकज प्रसून जी, श्री अकील फारूकी जी जैसे मकबूल शायरों ने उपस्थित जन समूह का मनोरंजन अपनी गजलों से किया। मुशायरे में उत्तर प्रदेश उर्दू अकादमी की चेयरपर्सन, पद्मश्री प्रो आसिफा जमानी तथा उत्तर प्रदेश उर्दू अकादमी के सचिव, श्री एस रिजवान ने भी शिरकत की ।


इस मौके पर हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के प्रबंध न्यासी श्री हर्ष वर्धन अग्रवाल ने उपस्थित जन समूह और शायरों का स्वागत करते हुए कहा कि पद्मश्री अनवर जलालपुरी की शख्सियत और उनकी शायरी पर आधारित कॉफी टेबुल बुक तैयार हो गयी है स उर्दू तथा हिंदी भाषा में तैयार की गयी इस किताब का शीर्षक अनवर जलालपुरी रू मोहब्बत के सफीर है। इस काफी टेबुल बुक का विमोचन अतिशीघ्र भारत के यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के कर कमलों द्वारा किया जाना प्रस्तावित है । 

शायरों द्वारा प्रस्तुत किये गए कुछ प्रमुख शेर नीचे दिए गए हैं।

लहू आंखों में आकर जम गया है
यह दरिया बहते बहते थम गया है - अज्म शाकिरी

इश्क में मजनुओ फरहाद नहीं होने के 
ये नए लोग हैं बर्बाद नहीं होने के - नुसरत मेहदी

जो खानदानी रईस हैं वो मिजाज रखते हैं नर्म अपना, 
तुम्हारा लहजा बता रहा है, तुम्हारी दौलत नई-नई है। - शबीना अदीब

कोई ताकत हमें बेखुद अलग कर ही नहीं सकती 
अगर हम लोग भी सीमेंट बालू की तरह मिल जाये - रामप्रकाश बेखुद 

मैं परी पैकर हूँ लेकिन बेजुबाँ हरगिज नहीं 
सारी दुनिया ने सुना है जर्फ ए निस्वानी का शोर - आयशा अयूब 

खाक के हैं सब पुतले सबको टूटना होगा  
शाख पर तो कोई फल देर तक नहीं रहता - हसन काजमी 

मोहब्बत करने वालों की हिमायत मैं भी करता था
हिमायत शर्त थी क्योंकि मोहब्बत मैं भी करता था - डाॉ कलीम कैसर

तुम्हें ऐ नफरतो इस बार भी बर्बाद होना है 
हमेशा ही मोहब्बत से आदावत हार जाती है - जौहर कानपुरी

रफ्ता रफ्ता ख्वाहिशों के कद बड़े होते रहे।
रफ्ता रफ्ता आफताब ए जिन्दगी ढलता रहा। - मो अली साहिल

बुझे चराग बताते हैं मेरी चैखट के,
यहां प मौत हुई है बहुत उजालों की। - संजय मिश्रा शौक

हम शहर-ए-मोहब्बत के उजालों में मिलेंगे,
यानि की तेरे चाहने वालों में मिलेंगे - शहरयार जलालपुरी

कोई किरदार आखिर तक निगाहों में नहीं आता,
किसी किरदार के दम पर कहानी याद रहती है - मनीष शुक्ला

हमने देखा है इन आंखों को जबां बनते हुए,
गुफ्तगू दिल की कहां जुम्बिशें लब चाहती है - वासिफ फारूकी

इस तरह से बज्म में ली उसने अंगड़ाई कि बस,
हो गए शेखे हरम भी ऐसे शैदाई कि बस - गैबी जौनपुरी

मुजरिम हैं मगर रुख पे शराफत की नकाबें,
इस दौर में यूं साहिबे किरदार बाहर हैं - अकील फारूकी

सर इस लिए बलन्द है कातिल के सामने, 
झुकता नही है हक कभी बातिल के सामने -मखमूर काकोरवी

Comments

Popular posts from this blog

आत्मा अजर अमर है! मृत्यु के बाद का जीवन आनन्द एवं हर्षदायी होता है!

-आध्यात्मिक लेख  आत्मा अजर अमर है! मृत्यु के बाद का जीवन आनन्द एवं हर्षदायी होता है! (1) मृत्यु के बाद शरीर मिट्टी में तथा आत्मा ईश्वरीय लोक में चली जाती है :विश्व के सभी महान धर्म हिन्दू, बौद्ध, ईसाई, मुस्लिम, जैन, पारसी, सिख, बहाई हमें बताते हैं कि आत्मा और शरीर में एक अत्यन्त विशेष सम्बन्ध होता है इन दोनों के मिलने से ही मानव की संरचना होती है। आत्मा और शरीर का यह सम्बन्ध केवल एक नाशवान जीवन की अवधि तक ही सीमित रहता है। जब यह समाप्त हो जाता है तो दोनों अपने-अपने उद्गम स्थान को वापस चले जाते हैं, शरीर मिट्टी में मिल जाता है और आत्मा ईश्वर के आध्यात्मिक लोक में। आत्मा आध्यात्मिक लोक से निकली हुई, ईश्वर की छवि से सृजित होकर दिव्य गुणों और स्वर्गिक विशेषताओं को धारण करने की क्षमता लिए हुए शरीर से अलग होने के बाद शाश्वत रूप से प्रगति की ओर बढ़ती रहती है। (2) सृजनहार से पुनर्मिलन दुःख या डर का नहीं वरन् आनन्द के क्षण है : (2) सृजनहार से पुनर्मिलन दुःख या डर का नहीं वरन् आनन्द के क्षण है :हम आत्मा को एक पक्षी के रूप में तथा मानव शरीर को एक पिजड़े के समान मान सकते है। इस संसार में रहते ...

आईसीएआई ने किया वूमेन्स डे का आयोजन

आईसीएआई ने किया वूमेन्स डे का आयोजन  लखनऊ। आईसीएआई ने आज गोमतीनगर स्थित आईसीएआई भवम में इन्टरनेशनल वूमेन्स डे का आयोजन किया। कार्यक्रम का शुभारम्भ दीप प्रज्ज्वलन, मोटो साॅन्ग, राष्ट्रगान व सरस्वती वन्दना के साथ हुआ। शुभारम्भ के अवसर पर शाखा के सभापति सीए. सन्तोष मिश्रा ने सभी मेम्बर्स का स्वागत किया एवं प्रोग्राम की थीम ‘‘एक्सिलेन्स / 360 डिग्री’’ का विस्तृत वर्णन किया। नृत्य, गायन, नाटक मंचन, कविता एवं शायरी का प्रस्तुतीकरण सीए. इन्स्टीट्यूट की महिला मेम्बर्स द्वारा किया गया। इस अवसर पर के.जी.एम.यू की सायकाॅयट्रिक नर्सिंग डिपार्टमेन्ट की अधिकारी  देब्लीना राॅय ने ‘‘मेन्टल हेल्थ आफ वर्किंग वूमेन’’ के विषय पर अपने विचार प्रस्तुत किये। कार्यक्रम में लखनऊ शाखा के  उपसभापति एवं कोषाध्यक्ष सीए. अनुराग पाण्डेय, सचिव सीए. अन्शुल अग्रवाल, पूर्व सभापति सीए, आशीष कुमार पाठक एवं सीए. आर. एल. बाजपेई सहित शहर के लगभग 150 सीए सदस्यों ने भाग लिय।

लखनऊ में स्मारक समिति कर्मचारियों का जोरदार प्रदर्शन

लखनऊ में स्मारक समिति कर्मचारियों का जोरदार प्रदर्शन स्मारक कर्मचारियों ने किया कार्य बहिष्कार कर्मचारियों ने विधानसभा घेराव का किया ऐलान जानिए किन मांगों को लेकर चल रहा है प्रदर्शन लखनऊ 2 जनवरी 2024 लखनऊ में स्मारक समिति कर्मचारियों का जोरदार प्रदर्शन स्मारक कर्मचारियों ने किया कार्य बहिष्कार और कर्मचारियों ने विधानसभा घेराव का भी है किया ऐलान इनकी मांगे इस प्रकार है पुनरीक्षित वेतनमान-5200 से 20200 ग्रेड पे- 1800 2- स्थायीकरण व पदोन्नति (ए.सी.पी. का लाभ), सा वेतन चिकित्सा अवकाश, मृत आश्रित परिवार को सेवा का लाभ।, सी.पी. एफ, खाता खोलना।,  दीपावली बोनस ।