कानून व्यवस्था के दिनोंदिन बिगड़ते हालात--अखिलेश यादव
सावी न्यूज़ लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि उत्तर प्रदेश में अपराधों की बाढ़ आई हुई है। मुख्यमंत्री जी की समीक्षा बैठकें निष्प्रभावी साबित हो चुकी हैंडीजीपी साहब कहते हैं कि पुलिस निर्बलों को न सताये। जमीनी हकीकत में अपराधी पूरी दबंगई से अपना राज चला रहे हैं। जेल में उनकी तूती बोलती है। प्रदेश में पूर्ण अराजकता की स्थिति है। कानूनव्यवस्था पटरी से उतर चुकी है। मैनपुरी में बदमाशों ने जीटी रोड पर दम्पत्ति से लूट की। महिला को अगवा करके गैंगरेप किया। उसे अचेतावस्था में एटा क्षेत्र में फेंक गए। पीड़ित पति जब थाने पहुंचा तो पुलिस वालों ने उसे ही बेरहमी से पीटा और हवालात में डाल दिया। पीड़ित महिला ने जब थाने पहुंचकर घटना बताई तो पति की जान बचीपुलिस इतनी 'कर्तव्यनिश्ठ' निकली कि बदमाशों की तलाश के बजाय पति पर ही पत्नी की लाश गायब करने का आरोप लगाकर थर्ड डिग्री यातना दे दी ऊपर अफसरों तक मामला पहुंचने पर भी मामला दबाने की कोशिश होती रही।
महोबा में अजनर थाना क्षेत्र में दो किसानों की गोली मारकर हत्या कर दी गई। बागपत में भाई-बहिन पर तेजाब से हमला किया गया। लखनऊ में मड़ियांव थाना क्षेत्र में मिठौली में कार सर्विस कराने आए दबंग ने गैराज मालिक पर ही फायर झोंक दिया। कौशाम्बी में दवा व्यापारी की बेटी 27 जून को अगवा की गई। अभी तक आरोपी पकड़े नहीं गए। इटावा जेल से दो हत्यारोपित कैदी दीवार फांदकर जेल से भाग गए। उन्नाव में पूर्व प्रधान के हत्यारे पुलिस की पकड़ में नहीं आए। राजधानी लखनऊ में टीबी अस्पताल में किशोरी के साथ दुश्कर्म की कोशिश हुई। लखनऊ जिला जेल से बांग्लादेशी विचाराधीन कैदी पुलिस हिरासत से गायब हो गया। बाराबंकी के टिकैतनगर इलाके के सराय दुनौली में 11 वर्ष की बच्ची से दुष्कर्म के बाद उसके परिवार को धमकाकर थाने जाने से रोका गया। सरोजनी नगर में एक शिक्षिका से छेड़छाड़ और अगवा करने का प्रयास हुआ। मड़ियांव में कार सवारों ने युवती का अपहरण किया।
ये कुछ घटनाएं है। पूरे प्रदेश में अगर हत्या, लूट, अपहरण और बलात्कार की घटनाओं का संकलन किया जाए तो रोंगटे खड़े हो जाएंगे। ज्यादातर मामलों में या तो एफआईआर लिखी नहीं जाती और लिख ली गई तो कई मामलों में पुलिस लीपापोती करने का काम करती है। अपराधियों का मन इतना बढ़ा हुआ है कि उन्हें खाकी का जरा भी भय नहीं है। वे दबंगई से अपराध करके पुलिस के सामने से ही फरार हो जाते है। भाजपा राज में पुलिस प्रशासन का पार्टी के सत्तास्वार्थ में प्रयोग के चलते ही ऐसी अव्यवस्था की स्थिति पैदा हुई है। खुद भाजपा के एक वरिष्ठ मंत्री का ही कहना है कि अब अपराधियों को पुलिस का खौफ नहीं रह गया है। यह खौफ रहे भी क्यों जब भाजपा नेता ही अपराधियों को संरक्षण दे रहे हैं। भाजपा सरकार नागरिकों के जानमाल की रक्षा में पूरी तरह विफल है। महामहिम राज्यपाल जी को कानून व्यवस्था के दिनोंदिन बिगड़ते हालात का संज्ञान लेकर कड़ी कार्यवाही करने का संवैधानिक दायित्व निभाने से अब कौन रोक रहा है?
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