राष्ट्रभक्ति की भावना दिखावे के लिए नहीं बल्कि दिल में होनी चाहिए
सावी न्यूज़ 'शामली। यह सत्य है की राष्ट्र सेवा भावना का प्रदर्शन से कोई लेना देना नहीं यह तो दिल की बात है राष्ट्र भक्ति दिखावा करने से नहीं वरन दिलों में होनी चाहिए। आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने गुरुवार को शिक्षार्थियों को बौद्धिक सत्र में राष्ट्रभक्ति का पाठ पढ़ाया। उन्होंने कहा कि राष्ट्रभक्ति की भावना दिखावे के लिए नहीं बल्कि दिल में होनी चाहिए। उन्होंने युवाओं से नवराष्ट्र निर्माण में जुटने का आह्वान किया। संघ प्रमुख शामली में आयोजित हो रहे पश्चिम क्षेत्र के संघ के शिक्षा संघ वर्ग द्वितीय वर्ष के प्रशिक्षण शिविर में चार दिनों के प्रवास पर हैं। कैराना रोड स्थित सिल्वर बैल्स स्कूल में आयोजित प्रशिक्षण शिविर में 155 शिक्षार्थियों के बौद्धिक सत्र में आरएसएस प्रमुख मोहन राव भागवत ने कहा कि कहा कि राष्ट्रनिर्माण में हर एक की हिस्सेदारी जरूरी है। सभी को निरंतर राष्ट्र चिंतन को समर्पित रहना चाहिए। राष्ट्र भक्ति दैनिक जीवन में होनी चाहिए। शिक्षार्थियों में जोश भरते हुए उन्होंने कहा कि सशक्त और स्वस्थ भारत देखना है तो कुछ करने के साथ ही कुछ संकल्प भी लेने होंगे। जिसमें राष्ट्र निर्माण को हर जरूरी उपाय करने होंगे। उन्होंने कहा कि समाज का हर व्यक्ति स्वस्थ रहे और हर एक को रोजगार मिले तभी देश खुशहाल होगा। इसके लिए हर युवा को राष्ट्र के प्रति समर्पित भावना से आगे आना होगा। बेशक राष्ट्र भक्ति दिलों में होनी चाहिए एक ज़ज़्बा होना चाहिए इसमें दिखावे का कोई स्थान नहीं होना चाहिए ।
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