Skip to main content

चुनाव और लोकतंत्र


सावी न्यूज लखनऊ। पाँच साल गुजर गये और फिर चुनावी बिगुल बज उठा। प्रत्याशी फिर नये नये लुभावने स्लोगन और प्रलोभन ले कर मैदान में कूद पड़े हैं। सभी अपनी अपनी साफ छवि का और एक बेहतर सरकार देने का वायदा कर रहे हैंमगर एक मुद्दे पर कोई भी पार्टी खुल कर नहीं बोल रही है और वह है लोकपाल बिल या भ्रष्टाचार के खिलाफ उठाया जाने वाला कदम। कोई पार्टी जीत के पश्चात् इस मुद्दे को कितनी गंभीरता से लेती है ये तो चुनाव के बाद ही पता चलेगा। आज जो तस्वीर बन रही है वह यह कि कोई भी पार्टी इस विषय में कोई ठोस कदम उठाती नजर नहीं आ रही। देश की जनता सिर्फ तीन बातों के लिए प्रयासरत है और चाहती है कि सरकार किसी की भी बने इन मुद्दों को नजर अन्दाज न किया जायेएक भ्रष्टाचार के खिलाफ क्या और कितने सार्थक कदम उठाये जायेंगे। दो-देश के बाहर या देश के अन्दर जहाँ भी काला धन है वो देश हित में किस प्रकार लाया जाये और तीन ऐसे भ्रष्टाचारियों के खिलाफ सरकार कितनी पुख्ता कार्यवाई करती है। आज जनता में जो एक आक्रोश व्याप्त है वो ये कि भ्रष्टाचारी पकड़े जाने के बावजूद खुले में घूम रहें हैं और उस रकम का भरपूर इस्तेमाल कर खुशी का जीवन व्यतीत कर रहे हैं। आज सभी प्रत्याशी/पार्टी अपने आप को सबसे बेहतर प्रदर्शित कर रही है और जनता के पास भी ज्यादा विकल्प नहीं हैं। जागरूकता और जानकारी में एक फर्क है वो ये कि जन जागरूक तो हैं लेकिन अपने क्षेत्र के प्रत्याशियों के कार्यकलापों से पूर्णतया अनभिज्ञ है। किसे वोट देना है किसे नहीं इस बात का हमारे पास कोई आधार नहीं है। हर बार जनता छली जाती है। जीत कर भी हार जाती है। बस हम ये जानते हैं कि किस पार्टी को वोट देना है और किस पार्टी को नहीं। हमारे वोट पार्टीगत हुआ करते हैं व्यक्तिगत नहीं, जो शायद हमें अपना सही प्रत्याशी चुनने में एक मजबूरी का एहसास कराता है और यह स्थिति लोकतात्रिक तंत्र के लिए कदापि उचित नहीं। चुनाव आयोग यद्यपि काले धन के प्रयोग को रोकने के लिए प्रयासरत है लेकिन वह इसमें कितनी सफल हो पाती है यह कहना जरा मुश्किल है। प्रयात्याशियों की नज़र में तो चुनाव में खर्च किया गया धन एक निवेश है जिसे वो चुनाव जीतने के बाद लाभ के साथ वसूल कर लेंगे और जनता एक बार फिर ठगी सी रह जायेगी।


Comments

Popular posts from this blog

आत्मा अजर अमर है! मृत्यु के बाद का जीवन आनन्द एवं हर्षदायी होता है!

-आध्यात्मिक लेख  आत्मा अजर अमर है! मृत्यु के बाद का जीवन आनन्द एवं हर्षदायी होता है! (1) मृत्यु के बाद शरीर मिट्टी में तथा आत्मा ईश्वरीय लोक में चली जाती है :विश्व के सभी महान धर्म हिन्दू, बौद्ध, ईसाई, मुस्लिम, जैन, पारसी, सिख, बहाई हमें बताते हैं कि आत्मा और शरीर में एक अत्यन्त विशेष सम्बन्ध होता है इन दोनों के मिलने से ही मानव की संरचना होती है। आत्मा और शरीर का यह सम्बन्ध केवल एक नाशवान जीवन की अवधि तक ही सीमित रहता है। जब यह समाप्त हो जाता है तो दोनों अपने-अपने उद्गम स्थान को वापस चले जाते हैं, शरीर मिट्टी में मिल जाता है और आत्मा ईश्वर के आध्यात्मिक लोक में। आत्मा आध्यात्मिक लोक से निकली हुई, ईश्वर की छवि से सृजित होकर दिव्य गुणों और स्वर्गिक विशेषताओं को धारण करने की क्षमता लिए हुए शरीर से अलग होने के बाद शाश्वत रूप से प्रगति की ओर बढ़ती रहती है। (2) सृजनहार से पुनर्मिलन दुःख या डर का नहीं वरन् आनन्द के क्षण है : (2) सृजनहार से पुनर्मिलन दुःख या डर का नहीं वरन् आनन्द के क्षण है :हम आत्मा को एक पक्षी के रूप में तथा मानव शरीर को एक पिजड़े के समान मान सकते है। इस संसार में रहते हुए

लखनऊ में स्मारक समिति कर्मचारियों का जोरदार प्रदर्शन

लखनऊ में स्मारक समिति कर्मचारियों का जोरदार प्रदर्शन स्मारक कर्मचारियों ने किया कार्य बहिष्कार कर्मचारियों ने विधानसभा घेराव का किया ऐलान जानिए किन मांगों को लेकर चल रहा है प्रदर्शन लखनऊ 2 जनवरी 2024 लखनऊ में स्मारक समिति कर्मचारियों का जोरदार प्रदर्शन स्मारक कर्मचारियों ने किया कार्य बहिष्कार और कर्मचारियों ने विधानसभा घेराव का भी है किया ऐलान इनकी मांगे इस प्रकार है पुनरीक्षित वेतनमान-5200 से 20200 ग्रेड पे- 1800 2- स्थायीकरण व पदोन्नति (ए.सी.पी. का लाभ), सा वेतन चिकित्सा अवकाश, मृत आश्रित परिवार को सेवा का लाभ।, सी.पी. एफ, खाता खोलना।,  दीपावली बोनस ।

भगवान चित्रगुप्त व्रत कथा पुस्तक का भव्य विमोचन

भगवान चित्रगुप्त व्रत कथा पुस्तक का भव्य विमोचन लखनऊ, जुलाई 2023, अयोध्या के श्री धर्महरि चित्रगुप्त मंदिर में भगवान चित्रगुप्त व्रत कथा पुस्तक का भव्य विमोचन  किया गया। बलदाऊजी द्वारा संकलित तथा सावी पब्लिकेशन लखनऊ द्वारा प्रकाशित इस पुस्तक का विमोचन संत शिरोमणी श्री रमेश भाई शुक्ल द्वारा किया गया जिसमे आदरणीय वेद के शोधक श्री जगदानंद झा  जी भी उपस्थित रहै उन्होने चित्रगुप्त भगवान् पर व्यापक चर्चा की।  इस  अवसर पर कई संस्था प्रमुखो ने श्री बलदाऊ जी श्रीवास्तव को शाल पहना कर सम्मानित किया जिसमे जेo बीo चित्रगुप्त मंदिर ट्रस्ट,  के अध्यक्ष श्री दीपक कुमार श्रीवास्तव, महामंत्री अमित श्रीवास्तव कोषाध्यक्ष अनूप श्रीवास्तव ,कयस्थ संध अन्तर्राष्ट्रीय के राष्ट्रीय अध्यक्ष दिनेश खरे, अ.भा.का.म के प्रदेश अध्यक्ष श्री उमेश कुमार जी एवं चित्रांश महासभा के कार्वाहक अध्यक्ष श्री संजीव वर्मा जी के अतिरिक्त अयोध्या नगर के कई सभासद भी सम्मान मे उपस्थित रहे।  कार्यक्रम की अध्यक्षता संस्था के अध्यक्ष दीपक श्रीवास्तव जी ने की एवं समापन महिला अध्यक्ष श्री मती प्रमिला श्रीवास्तव द्वारा किया गया। कार्यक्रम